सोमवार को उत्तर बंगाल के प्राइवेट शिक्षकों का सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के विरूद्ध गुस्सा फूट पड़ा. वेस्ट बंगाल प्राइवेट ट्यूटर एंड वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को सिलीगुड़ी के बाघाजतीन पार्क के सामने आयोजित नुक्कड़ सभा और धरना-प्रदर्शन के दौरान उत्तर बंगाल के कई जिलों से आये भारी तादाद में प्राइवेट शिक्षक-शिक्षिकाओं ने काला बैज लगाकर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की मनमानी के विरूद्ध काला दिवस पालन किया. संगठन के बंगाल प्रांत के अध्यक्ष सुजय बर्मन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ममता सरकार के फैसले का प्राइवेट शिक्षक स्वागत करते हैं और सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी सरकार के इस फैसले का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को अलग से ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर सरकारी स्कूलों के शिक्षक मजबूर अभिभावकों से मोटी रकर लेते हैं और स्कूलों में सही तरीके से बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं. इसका खामियाजा साधारण परिवार के बच्चों और अभिभावकों को भुगतना पड़ता है.
सचिव विवेकानंद साहा ने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की मनमानी और बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने प्रदर्शनकारियों की ओर से शासन-प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शासन-प्रशासन सरकारी फैसले के तहत सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की मनमानी पर जल्द नकेल नहीं कसती है तो उत्तर बंगाल के सभी जिलों के प्राइवेट शिक्षकों द्वारा जल्द उत्तरकन्या चलो अभियान आंदोलन किया जायेगा. आज के आंदोलन में सिलीगुड़ी के अलावा जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलिपुरद्वार व दक्षिण दिनाजपुर जिले के विभिन्न शहर-कस्बों से पांच सौ से भी अधिक की संख्या में प्राइवेट शिक्षक शामिल हुए.