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शिक्षकों से जुड़े सरकारी दस्तावेज हुए लीक

मालदा. जिले के 683 सरकारी स्कूलों व मदरसा के 8 हजार 646 शिक्षकों की व्यक्तिगत व नौकरी से संबंधित दस्तावेज लीक होने का मामला सामने आया है. इस घटना के लिये जिला विद्यालय निरीक्षक को दोषी ठहराते हुए माकपा समर्थित निखिलबंग शिक्षक समिति व भाजपा समर्थित शिक्षक संगठन बंगीय शिक्षक व शिक्षाकर्मी संघ ने आंदोलन […]

मालदा. जिले के 683 सरकारी स्कूलों व मदरसा के 8 हजार 646 शिक्षकों की व्यक्तिगत व नौकरी से संबंधित दस्तावेज लीक होने का मामला सामने आया है. इस घटना के लिये जिला विद्यालय निरीक्षक को दोषी ठहराते हुए माकपा समर्थित निखिलबंग शिक्षक समिति व भाजपा समर्थित शिक्षक संगठन बंगीय शिक्षक व शिक्षाकर्मी संघ ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है.
इधर, जिला विद्यालय निरीक्षक गोपाल विश्वास ने आरोपो को खारिज करते हुए किसी भी शिक्षक के दस्तावेज लीक नहीं होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक कारणों से ही शिक्षकों से उनके दस्तावेजों की मांग की गयी है. अब जिला विद्यालय निरीक्षक के सरकारी ई-मेल के बदले एक नये ई-मेल से जानकारी क्यों मांगी गयी, इसका जवाब श्री विश्वास नहीं दे पाये. संदेह के आधार पर निखिल बंग शिक्षक समिति ने आरटीआई(सूचना का अधिकार) कानून के तहत जानकारी मांगी है. वहीं दूसरी ओर भाजपा शिक्षक संगठन का आरोप है कि यह एक साईबर क्राईम है. भाजपा का आरोप है कि तृणमूल समर्थित शिक्षक संगठन व शिक्षा सेल के कुछ वरिष्ट नेताओं की मांग पर ही शिक्षकों से जुड़े दस्तावेजों की मांग की गयी है. हांलाकि तृणमूल शिक्षा सेल के अध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
जिले के कई विद्यालयों के प्रमुखों का कहना है कि बीते 14 दिसंबर को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से एक ई-मेल मिला. इसके जरिए विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और गैर शिक्षक कर्मचारियों की पूरी जानकारी मांगी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार यह ई-मेल जिला विद्यालय निरीक्षक के सरकारी मेल से ना भेजकर उसी तर्ज पर बनये गये एक दूसरे ई-मेल आईडी से भेजा गया है. कुछ विद्यालयों के प्रध्यापकों ने तो मांगी गयी जानकारी उसी ई-मेल पर दे दी है. जबकि कुछ विद्यालय के प्राध्यापकों ने सरकारी ई-मेल पर जानकारी भेजी है. लेकिन बदले ई-मेल आईडी की वजह से भ्रमित अधिकांश विद्यालयों ने अब तक जानकारी नहीं भेजी है. शिक्षकों का कहना है कि किस कार्य के लिये दस्तावेज मांगे जा रहे है, यह अब तक स्पष्ट नहीं है. यह पूरा मामला ही उलझा हुआ है. सिर्फ एक जिले के शिक्षकों की जानकारी अचानक क्यों मांगी जा रही है. यह आश्चर्यजनक है. शिक्षकों का कहना है कि पहले विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि यह मेल उन्होंने नहीं भेजा है, फिर बाद में कहा कि उन्होंने स्वयं एक नया मेल आइडी बनाकर भेजा है.
निखिलबंग शिक्षक समिति के जिला सचिव शंकर सेनगुप्त ने कहा कि यह एक बड़ा षडयंत्र जान पड़ता है. सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है. इसके बाद आरटीआई से भी जानकारी मांगी गयी है.
भाजपा शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष उज्जवल तालुकदार ने कहा कि यह शिक्षक और शिक्षिकाओं की सुरक्षा और उनकी जीवन व नौकरी से जुड़ा हुआ मामला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल शिक्षा सेल के कुछ नेता इसमें शामिल हैं. दूसरी तरफ आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल शिक्षा सेल के जिलाध्यक्ष विपल्व गुप्त ने कहा कि विरोधी तृणमूल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है. शिक्षा के हित में तृणमूल लड़ाई करेगी.

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