इसके मुकाबले दस से 12 लोग ही पुस्तकालयों में किताबें पढ़ने के लिए प्रतिदिन आते हैं. यह संख्या काफी कम है.आमलोगों को पुस्तकालयों में लाने की कोशिश की जानी चाहिए.यही वजह है कि उन्होंने अपने विभागीय अधिकारियों को सभी पुस्तक मेलों में उपस्थित रहकर पुस्तकालयों के प्रचार-प्रसार के लिए कहा है. मंत्री ने कहा कि समय तेजी से बदला है. जमाना हाइटेक हो गया है. नयी पीढ़ी के युवा इसी ओर आकर्षित हो गये है.
ऐसी परिस्थिति में सरकारी पुस्तकालयों के कायाकल्प की कोशिश की जा रही है. पुस्तकालयों में युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए रोजगार से जुड़े पुस्तकों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है.महिलाओं एवं बच्चों के बैठने की विशेष व्यवस्था की जा रही है.साफ-सफाइ पर विशेष जोर दिया जा रहा है.पेयजल तथा शौचालय आदि की व्यवस्था भी की जा रही है.सरकारी अधिकारियों को हर महीने एक बार पुस्तकालय को लेकर बैठक करने के लिए कहा गया है.इस अवसर पर पुस्तकालय विभाग के सचिव मनीष जैन,जलपाइगुड़ी के सांसद विजय चंद्र बर्मन,एडीएम सुमेधा प्रधान एवं मेला आयोजक कमेटी की ओर से तपन भट्टाचार्य उपस्थित थे.मेले में कुल 80 स्टॉल लगाये गए हैं.