बर्नीकैट ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत व इसके जमीन से घिरे पूर्वोत्तर क्षेत्र बहुत लाभान्वित हो सकते हैं, बशर्ते इस क्षेत्र में सड़कें बना कर व रेलवे लाइनें बिछा कर तथा बंदरगाहों को आपस में जोड़ कर संभावना पैदा की जाये. वह कोलकाता के अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तथा एनजीओ कट्स इंटरनेशनल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘साझी समृद्धि के लिए भारत-एशिया संपर्क’ विषयक सम्मेलन से इतर बोल रही थीं.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के चटगांव और मोंगला नदी बंदरगाह को पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह से जोड़ने से भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के बीच वस्तुओं की ढुलाई और लोगों का आवागमन आसान हो जायेगा. उन्होंने भारत की सराहना करते हुए कहा कि वह बीबीआइएन क्षेत्र के साथ अच्छे पड़ोसी के रिश्ते निभा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ढाका की पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत की वास्तविक समृद्धि उसके पड़ोसियों की समृद्धि पर निर्भर करती है. इससे अच्छा बर्ताव और क्या हो सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवाद इन देशों के लोगों के लिए बड़ा खतरा पेश कर रहा है, उन्होंने कहा कि आतंकवाद सभी देशों के लिए एक बड़ा खतरा है. सायबर अपराध भी एक अन्य बड़ा खतरा है. प्रभावित देशों के बीच सहयोग और जानकारी साझा करने से मदद मिल सकती है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों के बीच बेहतर संपर्क और बेहतर व्यापार से आतंकवाद पर काबू पाने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है.