उन्होंन तत्काल इस अवैध वसूली को रोकन की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर जोरदार आंदोलन का ऐलान किया है. अवैध रूप से पार्किंग की वसूली का यह आलम है कि स्वयं भाजपा वार्ड पार्षद खुशबू मित्तल को इसका शिकार होना पड़ा है. गुरूवार की शाम पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि निगम के नियमानुसार दोपहिया वाहन के लिये प्रति घंटे पांच रूपया और चारपहिया वाहन के लिये प्रति घंटे 10 रूपये पार्किंग फी निर्धारित है. पहले दोपहिया वाहन के लिये 2 रूपये चारपहिया वाहन पांच रूपये प्रतिघंटे लेने का नियम था. जुलाई महीने में नगर निगम ने एक नया रेट निर्धारित कर दिया. नये रेट चार्ट के बाद पूरे शहर में टेंडर से पार्किंग वसूली के अधिकार दिये गये हैं. पार्किंग का टेंडर लेने वाले ठेकेदार अपने मन मुताबिक वसूली कर रहे हैं.दोपहिया वाहन के लिये दस रूपये प्रतिघंटा और चारपहिया वाहन के लिये बीस रूपये का स्लिप भी छपवा लिया है. उसी के अनुसार पार्किंग भी वसूल रहे हैं.
कहीं -कहीं तो दोपहिया वाहन के लिये बीस रूपये प्रति घंटे भी लिये जा रहे हैं. श्रीमती मित्तल का आरोप है कि अवैध पार्किंग फी वसूली का मामला जानने के बाद भी निगम में माकपा बोर्ड चुप्पी साधे है. श्रीमती मित्तल ने मेयर अशोक भट्टाचार्य पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पिछली बोर्ड मीटिंग में उन्होंने इस मामले को उठाया था, मेयर ने इस मामले की जांच कराने व दोषी पाये जान पर दंड देने का आश्वासन दिया था.
लेकिन उनके आश्वासन के 15 दिन गुजरने के बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. श्रीमती मित्तल ने कहा कि गुरूवार को फिर से वे इस मामले को लेकर निगम के डिप्टी मेयर राम भजन महतो से मिली. उन्होंने इसे एक छोटा मामला बताते हुए जांच का आश्वासन दिया है. वार्ड पार्षद खुशबू मित्तल का प्रश्न है कि निगम की ओर से नया रेट निर्धारित किये करीब चार महीने गुजर गये हैं. इन चार महीनों में पार्किंग ठेकेदारों ने सिलीगुड़ी के लोगों से लाखों रूपये की उगाही कर ली है. निगम के माकपा बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस अवैध पार्किंग वसूली के साथ निगम की भी मिलीभगत है. बिना मिली भगत के इतना बड़ा छोटाला नहीं हो सकता .
इस घोटाले में सिलीगुड़ी के लोगों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी लूटा जा रहा है. श्रीमती मित्तल ने आगे कहा कि निगम पार्किंग के लिये टेंडर निकालता है लेकिन ठेकेदारों द्वारा छपवाई गयी रशीद की जांच नहीं की जाती है. फलस्वरूप ठेकेदार अपने मन मुताबिक स्लिफ छपवाकर लोगों को लूट रहे हैं. निगम को एक सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि शहर के मुख्य स्थानों पर पार्किंग फी संबंधी रेट चार्ट लगना चाहिए.