जजों ने पीड़ित दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर पहने पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली. दोनों पक्षों की जिरह सुनकर हाथाहोंथ आपस में सुलह करा दिया और सभी पीड़ितों को कानूनी दांव-पेंचों से हमेशा के लिए मुक्ति दिला दी.
लॉ कॉलेज के सहायक प्रिंसिपल संजय भट्टाचार्य ने बताया कि दोपहर 2.30 बजे से स्थानीय डागापुर स्थित कॉलेज कैंपस के सभाकक्ष में आयोजित एक समारोह के दौरान कानूनविदों की मौजूदगी में जंगली जानवरों से जुड़े वन्य-प्राणी सुरक्षा कानून पर बहस हुई. इस दौरान मौजूद जज अनिरूद्ध बोस, जयमाल्या बाग्ची, पूर्व जज सौमित्र पाल, उत्तर बंगाल वन विभाग के अधिकारी डॉ पीटी भुटिया व कॉलेज के चेयरमैन जयजीत चक्रवर्ती ने समस्याओं पर अपना अनुभव कानून का पाठ पढ़ रहे छात्र-छात्रों के साथ साझा किया.