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सिलीगुड़ी तथा डुवार्स में भी सेना की नाका चेकिंग

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी. राज्य में विभिन्न स्थानों पर अचानक सेना की सक्रियता बढ़ने के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा केन्द्र सरकार में तनाव के बीच सिलीगुड़ी तथा डुवार्स के भी कई इलाकों में सेना की सक्रियता बढ़ गई है. यहां उल्लेखनीय है कि कोलकाता तथा उसके आसपास के इलाकों में बगैर सूचना दिये सेना द्वारा बड़े पैमाने […]

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी. राज्य में विभिन्न स्थानों पर अचानक सेना की सक्रियता बढ़ने के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा केन्द्र सरकार में तनाव के बीच सिलीगुड़ी तथा डुवार्स के भी कई इलाकों में सेना की सक्रियता बढ़ गई है. यहां उल्लेखनीय है कि कोलकाता तथा उसके आसपास के इलाकों में बगैर सूचना दिये सेना द्वारा बड़े पैमाने पर नाकाचेकिंग अभियान शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी नाराजगी जतायी है.

वह बृहस्पतिवार से रातों भर सेना पर निगरानी रखने के लिए नवान्न स्थित अपने कार्यालय में ही रही थी. इस बीच, सिलीगुड़ी तथा डुवार्स के कई इलाकों में सेना द्वरा नाकाचेकिंग की जा रही है. सेना ने हालांकि इसे अपना रूटीन अभ्यास बताया है. ऐसे सेना के कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

स्थानीय लोगों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में सेना द्वारा फूलबाड़ी, नौकाघाट, सुकना की ओर जाने वाली सड़क पंचनई नदी पर बने ब्रिज के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग पर माटीगाड़ा ब्रिज के निकट सेना की नाकाचेकिंग की जा रही थी. इस बीच, मामला बिगड़ते देख सेना से शुक्रवार को कई स्थानों से नाकाचेकिंग हटा दिया है. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सेना के जवान सभी वाहनों की चेकिंग करने के साथ-साथ वाहनों का नंबर भी लिख रहे थे. कई वाहनों पर सेना ने अपना स्टीकर भी लगाया है. नौकाघाट में ऐसे यह अभियान पिछले तीन दिनों से जारी है. सेना के जवानों द्वारा मुख्य रूप से ब्रिजों के निकट ही नाकाचेकिंग की जा रही है. कमोबेश यही स्थिति डुवार्स की भी है. सेना के इस्टर्न कमांड के अधीन 33 कोर के बिन्नागुड़ी 20 माउंटेन डिवीजन के जवान जलपाईगुड़ी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर विभिन्न स्थानों पर खड़े होकर वाहनों का तथ्य जमा कर रहे हैं. इस संबंध में इस्टर्न कमांड के पीआरओ एसएस बिरदी ने बताया है कि पूरे पूर्वोत्तर भारत में सेना का यह अभियान पिछले तीन दिनों से जारी है. शुक्रवार को इस अभियान का अंतिम दिन है.

यह सेना की एक रूटीन है. इससे ज्यादा उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. इधर, शुक्रवार सुबह से बानरहाट इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेना द्वारा नाकाचेकिंग की गई. विभिन्न वाहनों को रोक कर उसके नंबर लिखे गये. इसके अलावा सेना के जवानों ने वाहनों में एक विशेष प्रकार का स्टीकर भी लगाया है. युद्धकालीन परिस्थिति तैयार होने पर सेना इन वाहनों का उपयोग कर सकती है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि युद्ध होने की स्थिति में बाहर से सेना को कितने वाहन उपलब्ध हो सकते हैं, इसकी एक प्रकार से जानकारी सेना को मिल गई है. जलपाईगुड़ी जिले के अलावा अलीपुरद्वार जिले के गैरकाटा आदि इलाके में भी सेना की सक्रियता देखी गई.

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