दूसरी तरफ छठ पूजा कमेटियों ने नगर निगम के इस अभियान का स्वागत किया है. इसके साथ ही महानंदा नदी की साफ-सफाई को लेकर काम करनेवाले एक गैर सरकारी संगठन बिहारी युवा चेतना समिति ने भी महानंदा नदी का पानी साफ होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है. संगठन के अध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा ने बताया है कि महानंदा नदी का पानी साफ होना राहत देनेवाली खबर है. नगर निगम सिर्फ पूजा के दौरान ही नहीं, बल्कि अन्य दिनों भी इसी तरह से महानंदा नदी को लेकर काम करे, तो एक न एक दिन इस नदी का अस्तित्व फिर से लौट आयेगा.
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साफ हुआ महानंदा का पानी, छठव्रतियों ने ली राहत की सांस
सिलीगुड़ी. कई दिनों तक काला पानी बहने के बाद आखिरकार महानंदा नदी का पानी धीरे-धीरे साफ होने लगा है. पिछले कुछ दिनों से महानंदा का पानी काला हो जाने की वजह से आम लोग खासकर छठव्रती और अन्य श्रद्धालु काफी परेशान थे. माना जा रहा था कि बड़े पैमाने पर प्रदूषण की वजह से ही […]
सिलीगुड़ी. कई दिनों तक काला पानी बहने के बाद आखिरकार महानंदा नदी का पानी धीरे-धीरे साफ होने लगा है. पिछले कुछ दिनों से महानंदा का पानी काला हो जाने की वजह से आम लोग खासकर छठव्रती और अन्य श्रद्धालु काफी परेशान थे. माना जा रहा था कि बड़े पैमाने पर प्रदूषण की वजह से ही महानंदा नदी का पानी काला हो गया है. इस बात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिलीगुड़ी नगर निगम मेयर अशोक भट्टाचार्य भी पिछले दिनों महानंदा नदी के विभिन्न घाटों का दौरा करने गये थे. उन्होंने काले पानी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. महानंदा नदी के काले पानी को जांच के लिए कोलकाता भी भेजा गया है.
इस बीच, पिछले दो दिनों से महानंदा नदी का जलस्तर थोड़ा बढ़ा है. इसके साथ ही पानी भी साफ है. कुछ दिनों बाद ही छठ पूजा है. ऐसे में महानंदा का पानी साफ होने से आम लोगों ने राहत की सांस ली है. इस बीच, महानंदा नदी के किनारे विभिन्न स्थानों पर छठ घाट बनाने का काम जारी है. महानंदा नदी सिलीगुड़ी शहर के बीचो-बीच गुजरती है. सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके के अधिकांश छठव्रती महानंदा नदी के तट पर ही छठ पूजा करते हैं. छठ पूजा करने वाले लोगों तथा विभिन्न पूजा कमेटियों की ओर से जोर-शोर से छठ घाट का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही सिलीगुड़ी नगर निगम ने भी बुधवार से साफ-सफाई अभियान शुरू कर दिया है. डिप्टी मेयर रामभजन महतो ने बताया है कि पीडब्ल्यूडी, कंजरर्वेन्सी तथा बिजली सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों को इस काम पर लगाया गया है. घाटों की साफ-सफाई के साथ ही लाइटिंग आदि पर कुल 10 लाख रुपये नगर निगम की ओर से खर्च किये जायेंगे. सभी 47 वार्डों में सिर्फ महानंदा नदी ही नहीं, बल्कि अन्य नदियों के तट पर बने छठ घाटों की भी साफ-सफाई शुरू कर दी गयी है. श्री महतो ने बताया कि इस बार छठ पूजा के दौरान भी महानंदा नदी गंदा न हो व प्रदूषण न फैले, इसकी विशेष व्यवस्था की जा रही है. आम लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर छठ पूजा खत्म होने के बाद केले के पेड़ आदि महानंदा नदी में ही फेंक दिये जाते हैं. इस बार केले के पेड़ नदी में न फेंके जायें, इसके लिए विशेष अभियान की शुरुआत की जायेगी. छठ पूजा के अंतिम अर्घ्य के दिन विभिन्न छठ घाटों पर नगर निगम के कर्मचारी तैनात किये जायेंगे. नदी में केले के पेड़ और कचरा आदि लोग न फेंक सकें, इस पर यह सभी कर्मचारी नजर रखेंगे. नगर निगम ने इस बार छठव्रतियों तथा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल कैंप लगाने का भी निर्णय लिया है.
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