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सिलीगुड़ी के सर्कस मैदान में सज गया पटाखा बाजार

सिलीगुड़ी : सिक्किम में पटाखों पर पूरी पाबंदी ने सिलीगुड़ी के पटाखा कारोबियों के अरमानों पर दिवाली से पहले ही चॉकलेट बम फोड़ दिया है. सिर पर हाथ कर मुंह लटकाए व्यापारियों ने सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित सर्कस मैदान में लगे पटाखा बाजार अपना स्टॉल लगा लिया है. हांलाकि कारोबार को लेकर यह सभी […]

सिलीगुड़ी : सिक्किम में पटाखों पर पूरी पाबंदी ने सिलीगुड़ी के पटाखा कारोबियों के अरमानों पर दिवाली से पहले ही चॉकलेट बम फोड़ दिया है. सिर पर हाथ कर मुंह लटकाए व्यापारियों ने सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित सर्कस मैदान में लगे पटाखा बाजार अपना स्टॉल लगा लिया है. हांलाकि कारोबार को लेकर यह सभी काफी चिंतित और असमंजस में है. इसी हालात के बीच बुधवार की शाम पटाखा बाजार का उद्घाटन हो गया.
दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. वैसे तो मां लक्ष्मी को शोर-शराबा पसंद नहीं है लेकिन सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार रावण वध कर भगवान श्री राम इसी दिन अपने घर अयोध्या लौटे थे. इसी मौके को यादकर देशवासी दीये से अपना घर सजाते हैं और पटाखे जलाते हैं. दीपावली के दिन लोगों के मन में इतनी खुशी और उन्माद भरा रहता है कि बिना किसी झिझक के हजारों रूपयों को धुएं में तब्दील कर देते हैं. दीपावली के इस त्योहार में स्वर्ण व्यवसायी, कपड़ा और पटाखा व्यवसायियों की बल्ले-बल्ले हो जाती है.
धनतेरस में कमाइ करने की आस में स्वर्ण व्यवसायी तो पलकें बिछाये बैठे है. दीपावली और काली पूजा को लेकर बाजार में काफी रौनक है. लेकिन पटाखा व्यवसायी बड़े ही डरे सहमे अपनी दुकान सजा रहे हैं. यहां बता दें कि सिक्किम सरकार ने राज्य में सभी प्रकार के पटाखों पर कड़ी पाबंदी लगा दी है. पहले सिर्फ अधिक आवाज वाले पटाखों पर ही पाबंदी होती थी. इस बार पवन चामलिंग सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों पर पाबंदी लगा दी है.
मुनाफा कम होने की उम्मीद
पटाखा बाजार में अपना एक स्टॉल लगाने वाले व्यापारी अजय अग्रवाल ने बताया कि इस बार का कारोबार फीका रहने की संभावना अधिक है. उन्होंने बताया कि सिक्किम में पटाखों की अच्छी मांग है.
सिक्कम में पटाखा बेचकर एक-एक व्यापारी डेढ़ से दो लाख मुनाफा कमाते थे. इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी के पटाखा बाजार में स्टॉल लगाकर करीब लाख रूपया तो कमा ही लेते थे. इस बार सिक्किम सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों पर रोक लगा दी है.
फुलझड़ी तक बेचने पर रोक है. सिक्किम प्रशासन की पटाखों पर कड़ी निगरानी है. इस वजह से पटाखा व्यापारियों का मन खिन्न हो गया है. अब तो पूरी आस सिलीगुड़ी के लोगों पर ही टिकी है.
सिलीगुड़ी में भी इस बार चाइनीज पटाखों की मांग काफी कम है. दिल्ली सहित देश के विभिन्न भागों में निर्मित पटाखों की कीमत अधिक है. इस बार पटाखा मेला में स्टॉलों की संख्या भी काफी बढ़ी है. पिछले वर्ष जहां कुल 120 स्टॉल लगे थे वहीं इस बार 160 पटाखों का स्टॉल लगा है. थोक व्यापारी भी खुदरा में पटाखा बेच रहे हैं. इन सभी कारणों से बाजार मंदा होने की संभावना है.
पटाखा बाजार में काफी कुछ है नया: प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी सेवक रोड स्थित सर्कस मैदान में पटाखा बाजार सज कर तैयार हो गया है. यह बाजार 31 अक्टूबर तक चलेगा. इस बार व्यापारियों ने बच्चों को आकर्षित कर अपना व्यवसाय चलाने का मन बनाया है.
छोटे-छोटे बच्चों के लिये इस बाजार में काफी कुछ नया है. जैसे- पॉप-पॉप, पुलिंग बम, गिफ्ट पैक, जंबो कलरिंग चक्कर, टू इन वन कलरिंग रस्सी, 75 एमएम तक की तारा बत्ती आदि. सिलीगुड़ी के पटाखा कारोबारी अजय अग्रवाल ने बताया कि इस बार अनार का स्वरूप बदल दिया गया है. इसके अलावा क्रेताओं को आकर्षित करने के लिये राजस्थानी आइटम भी मंगाए गए हैं.

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