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मालदा में बंद हुआ 10 रुपये का लेन-देन

मालदा. जाली नोट के धंधे के लिए बदनाम मालदा में इन दिनों 10 रुपये के सिक्कों को लेकर भ्रम का माहौल है. करीब एक सप्ताह से जिले के विभिन्न इलाकों में कोई 10 रुपये का सिक्का नहीं लेना चाह रहा है. दुकानदार भी यह सिक्का लेने से मना कर रहे हैं. शहर से लेकर गांव […]

मालदा. जाली नोट के धंधे के लिए बदनाम मालदा में इन दिनों 10 रुपये के सिक्कों को लेकर भ्रम का माहौल है. करीब एक सप्ताह से जिले के विभिन्न इलाकों में कोई 10 रुपये का सिक्का नहीं लेना चाह रहा है. दुकानदार भी यह सिक्का लेने से मना कर रहे हैं. शहर से लेकर गांव तक, हर जगह यही हालात हैं. मंगलवार को रतुआ थाने के संबलपुर इलाके से जैदुल इसलाम नामक एक व्यक्ति मालदा के एक सरकारी बैंक में 10 रुपये के करीब डेढ़ सौ सिक्के लेकर पहुंचे.

कंप्यूटर व्यवसायी जैदुल इसलाम ने बताया कि रतुआ इलाके में कोई कारोबारी 10 रुपये का सिक्का लेने को तैयार नहीं है. इसीलिए वह इन सिक्कों के बारे में सलाह लेने के लिए बैंक आये हैं. वह जानना चाहते हैं कि ये सिक्के नकली हैं या फिर असली. लेकिन बैंक अधिकारियों ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया. लाचार जैदुल इसलाम सिक्के लेकर वापस लौट गये. मालदा शहर के मकदमपुर इलाके के दवा दुकानदार सुमन सरकार ने बताया कि वह 10 रुपये के 50 सिक्के लेकर भारतीय स्टेट बैंक की मालदा की प्रधान शाखा में गये थे. लेकिन बैंक अधिकारियों ने इस बारे में बात करने से मना कर दिया. ये सिक्के असली हैं या नकली, बैंक यह भी बताने को तैयार नहीं है. ऐसे में यह समझ नहीं आ रहा है कि इन सिक्कों का क्या करूं.उन्होंने बताया कि दवा की खरीद-बिक्री के दौरान ये सिक्के उनके पास आये. अब इन सिक्कों को कोई लेना नहीं चाहता.

मालदा डीएम ऑफिस के सामने चाय बेचनेवाले बीरेन दास ने बताया कि ग्राहकों से उनके पास आये 10 रुपये के 10 सिक्के पड़े हैं. ये सिक्के अब कोई ले नहीं रहा. पूरे जिले में यही हाल है. जिसके पास भी 10 रुपये के सिक्के हैं, वो इसे खर्च नहीं कर पा रहा है. इसे लेकर मालदा का व्यवसायी संगठन चिंतित है.
मालदा मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष जयंत कुंडू ने बताया कि कालियाचक, रतुआ, चांचल, गाजोल समेत विभिन्न इलाकों से व्यवसायियों के फोन आ रहे हैं. यह जानने के लिए कि 10 रुपये के सिक्के असली हैं या नकली. हम उन्हें कह रहे हैं कि बैंक से इस बारे में बात करें.

पूरा मामला जिला प्रशासन की नजर में भी लाया गया है. आखिर व्यवसायी कैसे समझ पायेगा कि कौन सा सिक्का असली है और कौन नकली? इस का नतीजा यह हुआ है 10 रुपये के सिक्कों का लेनदेन पूरी तरह बंद हो गया है. इस मामले को जिला प्रशासन और बैंक अधिकारियों को देखना चाहिए. इस संबंध में एसबीआइ की मालदा की प्रधान शाखा के मैनेजर सफदर हुसेन ने कहा कि अभी तक कोई हमारी नजर में यह मामला लाया नहीं है. इसके अलावा हम टेक्निकल लोग नहीं हैं. हमारे पास अगर 10 रुपये के सिक्के लाये जाते हैं, तो हम रिजर्व के पास उन्हें भेजकर सलाह ले सकते हैं. वही लोग बता पायेंगे कि सिक्के असली हैं या नकली. इसके अलावा इस विवादित विषय में बोलने का हमारे पास कोई अधिकार नहीं है.

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