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फिर आंदोलन करेंगे चाय बागान श्रमिक

जलपाईगुड़ी. बंद पड़े चाय बागानों को तत्काल खोलने की मांग को लेकर डंकन्स के चाय श्रमिक एक बार फिर से आंदोलन करने को तैयार हैं. चाय श्रमिकों ने बागान मालिकों को काली पूजा तक का समय दिया है. इसके बाद यह लोग आंदोलन करेंगे. वाम मोरचा के शरीक दल आरएसपी की अगुवाई में चाय श्रमिकों […]

जलपाईगुड़ी. बंद पड़े चाय बागानों को तत्काल खोलने की मांग को लेकर डंकन्स के चाय श्रमिक एक बार फिर से आंदोलन करने को तैयार हैं. चाय श्रमिकों ने बागान मालिकों को काली पूजा तक का समय दिया है. इसके बाद यह लोग आंदोलन करेंगे. वाम मोरचा के शरीक दल आरएसपी की अगुवाई में चाय श्रमिकों ने आंदोलन का ऐलान किया है.

इसको लेकर आरएसपी की एक बैठक भी हुई है. आरएसपी के चाय श्रमिक संगठन डुवार्स चा बागान वर्कर्स यूनियन ने आंदोलन की घोषणा की है. संगठन के अध्यक्ष गोपाल प्रधान ने कहा है कि यदि काली पूजा तक डंकन्स के बंद चाय बागानों को नहीं खोला जाता है, तो वह लोग आंदोलन करेंगे. आंदोलन की शुरूआत वीरपाड़ा से होगी. आंदोलन के पहले चरण में वीरपाड़ा स्थित श्रम कार्यालय का घेराव किया जायेगा.

यहां उल्लेखनीय है कि डुवार्स में डंकन्स समूह के सात चाय बागान बंद हैं. कई बार चाय श्रमिक बागान खोलने की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है. दूसरे बंद पड़े चाय बागानों के श्रमिकों को राज्य सरकार की फौलाई योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है, लेकिन इन बंद पड़े चाय बागान के श्रमिकों को कोई लाभ नहीं हो रहा है. तकनीकी कारणों की वजह से राज्य सरकार इनकी सहायता नहीं कर रही है. चाय श्रमिकों के नेताओं का कहना है कि डंकन्स कंपनी ने इन चाय बागानों को बंद तो कर दिया है, लेकिन औपचारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की गयी है. यही वजह है कि फौलाई योजना को यहां चालू करने में समस्या हो रही है.

गोपाल प्रधान ने आगे कहा है कि चाय श्रमिकों के इस आंदोलन के लिए उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के श्रमिक संगठनों से सहायता मांगी है. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन सहित अन्य चाय श्रमिक संगठनों को चिट्ठी दी गई है. कांग्रेस तथा सीटू ने आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने आगे कहा कि बंद पड़े चाय बागानों के श्रमिकों की स्थिति काफी खराब है.

श्रमिकों के हितों में ध्यान में रखकर सभी दलों के लोगों को आंदोलन में शामिल होना चाहिए. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस ने आंदोलन में नहीं शामिल होने का स्पष्ट संदेश दे दिया है. तराई डुवार्स तृणमलू टी प्लानटेशन वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष नकुल सोनार का कहना है कि राज्य सरकार बंद चाय बागानों को खोलने की कोशिश कर रही है. इसके लिए कानून में संशोधन भी किया गया है. बंद पड़े चाय बागानों के श्रमिकों को फौलाई योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है. ऐसे में आरएसपी के आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है.

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