वह छात्रावस्था से ही वे गरीब विद्यार्थियों की मदद करते आ रहे हैं. उनकी एक सामान्य कोशिश ने कावाखाली की मदद करते रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने सिलीगुड़ी के एक और बच्चे की पढ़ाइ का जिम्मा लिया है. उन्होंने सोमवार को अनमेष जलधर की पढ़ाइ का जिम्मा लिया और उसे पाठ्य पुस्तकें सौंपी. उनकी इस तरह की कोशिश ने एक गरीब छात्रा को सह प्रध्यापिका बना दिया है.निवासी नमिता देवनाथ को आज मुर्शिदाबाद बालिका महाविद्यालय की उप प्राध्यापिका बना दिया है.
श्री भट्टाचार्य ने बताया कि कॉलेज में अध्ययनरत रहने के दौरान नमिता देवनाथ के पिता उनसे मिलने पहुंचे. उस समय नमिता अपने परिवार के साथ चयनपाड़ा इलाके में रहती थी. उसके पिता घूम घूम कर चने बेचा करते थे. वर्ष इन्हें याद नहीं, लेकिन नमिता पांचवी कक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास हुयी थी. उसे छठी कक्षा में दाखिला लेना था, लेकिन उसके पिता आर्थिक तंगी की वजह से मजबूर थी. बेटी की पढ़ाई के लिये पिता मारे-मारे फिर रहे थे. इस दौरान उनकी मुलाकात उनसे हुयी. सारी बाते सुनने के बाद उन्होंने नमिता की पढ़ाई का जिम्मा उठाया. छठी कक्षा से लेकर उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय तक की शिक्षा में मदन भट्टाचार्य ने नमिता को काफी मदद की. हालांकि दसवीं के बाद नमिता भी ट्यूशन पढ़ाने लगी थी. बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद नमिता ने सिलीगुड़ी कॉलेज से भूगोल विषय में प्रतिष्ठा के साथ स्नातक की पढ़ाई की. फिर इसी विषय के साथ उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा हासिल कर आज वो मुर्शिदाबाद गर्ल्स कॉलेज की उप प्राध्यापिका है. नमिता के अलावा भी उन्होंने कइ असहाय विद्यार्थियों की सहायता की है.
वर्तमान में वे कुल 12 विद्यार्थियों की पढ़ाई का जिम्मा उठा रहे हैं. मदन भट्टाचार्य से सहायता पाने वालों की तालिका में बिपल्व पाल और चयन विश्वास का नाम सबसे पहले है. वर्तमान में ये दोनों सिलीगुड़ी आर्ट्स कॉलेज में पढ़ रहे हैं. बिपल्व भूगोल और चयन इतिहास विषय में प्रतिष्ठा के साथ स्नातक कर रहा है. बिपल्व के पिता काफी पहले ही स्वर्ग सिधार चुके हैं. परिवार के भरण-पोषण के लिये उसकी मां दूसरों के घरों में परिचारिका का काम करती है. अब बिप्लव भी ट्यूशन आदि कर मां का हाथ बंटाता है. इधर,चयन सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर बीस के बागराकोट इलाके में रहता है. उसके पिता ठेले पर सब्जी बेचते है. मां भी परिचारिका का काम करती है. दसवीं की परीक्षा में अच्छे अंक के साथ उत्तीर्ण होने के बाद उच्च शिक्षा के लिये आर्थिक मदद मांगने ये दोनों मदन भट्टाचार्य के पास पहुंचे थे.
ग्यारहवीं से लेकर पढ़ाई का पूरा जिम्मा मदन भट्टाचार्य ने उठा रखा है. इसके अतिरिक्त वरदाकांत उच्च विद्यालय का छात्र सुदीप व विश्वजीत कर्मकार और पार्थ देव राय, जगदीशचंद्र हाई स्कूल का छात्र अनिमेश जयधर, बुद्धभारती विद्यालय की छात्रा ज्योत्सना विश्वास, नील नलिनी उच्च विद्यालय का छात्र आकाश दास और निरंजन सरकार, शारदामणी बालिका विद्यालय की छात्रा कृष्णा दास और समसिया हाई मदरसा की छात्रा रोहिमा खातून और हादेशी आक्तारी की पढ़ाई के लिये मदन भट्टाचार्य प्रतिमाह आर्थिक सहायता मुहैया करा रहे हैं. ये सभी काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. किसी के पिता ठेले पर सब्जी बेचते हैं तो किसी की मां पेट भरने के लिये दूसरों के घरों में परिचारिका का काम करती है.