कोई भी मवेशी तस्कर जवानों के हत्थे नहीं चढ़ सका. खुफिया सूचना के आधार पर बीएसएफ के 66वीं वाहिनी के सहायक कमांडेंट यशवंत त्रिपाठी की अगुवायी में जवानों की एक विशेष टीम बनायी गयी और पूरी योजना के साथ सिलीगुड़ी से सटे फुलबाड़ी इलाके के भारत-बांग्लादेश सीमांत स्थित बादलगच्छ गांव में मुहिम चलायी गयी.
सुबह 4.45 बजे जैसे ही सीमा पर हलचल दिखायी दी, ठीक उसी दौरान श्री त्रिपाठी की टीम ने हमला बोल दिया और कुल 41 मवेशियों को सीमा पार होने से बचा लिया गया. खबर की पुष्टि करते हुए बीएसएफ 66वीं वाहिनी के उप कमांडेंट मनोज कुमार सिंह ने कहा कि बादलच्छ के रास्ते मवेशियों के तस्करी की जाने की बीएसएफ को पहले से जानकारी थी.
इसके तहत श्री त्रिपाठी की विशेष टीम आधी रात से ही सीमा पर घात लगाये बैठी थी. उन्होंने बताया कि इस मुहिम के दौरान कुल 41 मवेशियों को जब्त किया गया है जिनकी कीमत तीन लाख 50 हजार 280 रुपये आंकी गयी है. श्री सिंह का कहना है कि खासकर पशु तस्करी के विरूद्ध बीएसएफ की यह मुहिम लगातार जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी तरह का अवैध धंधा कभी भी बरदाश्त नहीं किया जायेगा. सीमा पर जवान पूरी मुश्तैदी के साथ विशेष सख्ती बरत रहे हैं और तस्करों के नापाक इरादों को लगातार नाकाम करते जा रहे हैं.