इस बैठक के दिन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये जायेंगे. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक को लेकर नगरपालिका की ओर से विज्ञप्ति भी जारी कर दी गयी है.इस बैठक की जानकारी सभी 17 पार्षदों के साथ ही कालियागंज के एसडीओ को भी दे दी गयी है.इसके साथ ही यहां राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है. एक ओर जहां कांग्रेसी नगरपालिका अध्यक्ष अरुण दे सरकार अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी यथाशीघ्र उन्हें इस पद से हटाकर नगरपालिका पर कब्जा करना चाहते हैं. इसको लेकर विरोधियों की सक्रियता के साथ-साथ उनकी ताकत भी बढ़ी है. यहां उल्लेखनीय है कि नगरपालिका के नौ पार्षदों ने अरुण दे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इन नौ पार्षदों में से सात पार्षद ऐसे हैं जो कांग्रेसी थे और बाद में पाला बदल कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इस महीने की 20 तारीख को नगरपालिका के उपाध्यक्ष कार्तिक पाल के नेतृत्व में सात कांग्रेसी पार्षद कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इसबीच और तीन कांग्रेसी पार्षदों के तृणमूल में शामिल होने की खबर है.नगरपालिका के उपाध्यक्ष पद से हटाये गए कार्तिक पाल ने दावा किया है कि वार्ड 4,6 तथा 11 के कांग्रेस पार्षद भी तृणमूल में शामिल हो गये हैं. इससे विरोधी पार्षदों की कुल संख्या बढ़कर 12 हो गयी है.
उन्होंने कहा कि अरूण दे सरकार को लेकर कांग्रेक के पास अब मात्र पांच ही पार्षद हैं और इस नगरपालिका पर तृणमूल का कब्जा होना तय है.उन्होंने दावा करते हुए आगे कहा कि अरूण दे सरकार का तीन तारीख को जाना तय है. यहां उल्लेखनीय है कि कार्तिक पाल को अरुण दे सरकार ने नगरपालिका के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने बोर्ड बनने की स्थिति में कार्तिक पाल को नगरपालिका अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है. कार्तिक पाल जब सभी पार्षदों को लेकर शहीद दिवस की रैली में शामिल होने के लिए कोलकाता गये थे, तभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी घोषणा की थी.