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हेलमेट न पहनने के लिए कुछ भी करेगा…
सिलीगुड़ी. कहावत है कि पुलिस चले डाल-डाल तो चोर चले पात-पात. कुछ ऐसा ही इन दिनों उत्तर बंगाल के शहरों में देखा जा रहा है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा ‘नो हेलमेट नो पेट्रोल’ की घोषणा करने के बाद भी कुछ मोटरसाइकिल चालक प्रशासन की आंख में धूल झोंककर पेट्रोल ले रहे हैं. प्रशासन […]
सिलीगुड़ी. कहावत है कि पुलिस चले डाल-डाल तो चोर चले पात-पात. कुछ ऐसा ही इन दिनों उत्तर बंगाल के शहरों में देखा जा रहा है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा ‘नो हेलमेट नो पेट्रोल’ की घोषणा करने के बाद भी कुछ मोटरसाइकिल चालक प्रशासन की आंख में धूल झोंककर पेट्रोल ले रहे हैं. प्रशासन की ओर से निगरानी बढ़ाने का आश्वासन दिया गया है.उल्लेखनीय है कि हेलमेट ना होने की वजह से सड़क हादसों में मौतों की संख्या काफी बढ़ चली है.
मोटरसाइकिल सवारों को हेलमेट पहनाने के लिये प्रशासन की ओर से कई कदम उठाये गये. लेकिन नागरिक इस कानून का उल्लंघन करते हैं. पहले प्रशासन ने अपनी निगरानी बढ़ायी, फिर चालान काटना शुरू किया. विगत वर्षों में हेलमेट ना पहनने वाले मोटरसाइकिल चालकों से जुर्माने के रूप में काफी राजस्व इकट्ठा किया गया. फिर भी कुछ लोग हेलमेट नहीं पहनते है. हालांकि प्रशासन की सख्ती से हेलमेट पहनने वालों की संख्या काफी बढ़ी है, लेकिन अब भी शत-प्रतिशत लोग हेलमेट नहीं पहनते हैं. 10 जुलाई की शाम तीन बजे से मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नो हेलमेट नो पेट्रोल का कानून लागू कर दिया गया. निर्देशानुसार हेलमेट ना पहनने वालों को पंप पर पेट्रोल ना देने का निर्देश जारी किया गया. लेकिन चालकों ने इससे भी निपटने का तरीका खोज निकाला है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद भी सड़कों पर बिना हेलमेट पहने मोटरसाइकिल चलाते लोगों को देखा जा सकता है. इनमें महिलाएं शामिल हैं. कई युवाओं का कहना है कि हेलमेट पहनने से बाल खराब हो जाते हैं. आजकल नौजवान किसी स्टॉर की तरह अपने बाल बनाते हैं.
फिर आंखों पर काला चश्मा चढ़ा मोटरसाइकिल लेकर सड़कों पर ‘धूम’ मचाने निकल पड़ते हैं. इनके लिए हेलमेट से ज्यादा जरूरी हेयरस्टाइल है. ऐसे युवा हेलमेट लेकर घर से निकलते तो हैं, लेकिन पहनते नहीं हैं. कुछ लोग पेट्रोल पंप में प्रवेश करने से ठीक पहले हेलमेट लगाते हैं और पेट्रोल लेकर निकलते ही हेलमेट उतार देते हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो दूसरे का हेलमेट उधार लेकर पेट्रोल लेते है और पंप से निकलकर वापस उन्हें सौंप देते है. सिलीगुड़ी के एक पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने बताया कि कानून कार्रवाई के भय से पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट के पेट्रोल देना बंद कर दिया गया है. लेकिन नागरिकों के पास तरकीबों की कमी नहीं है. हेलमेट नहीं होने पर जिन्हें पंप से लौटा दिया जाता है, वे पंप के बाहर किसी ऐसे व्यक्ति का इंतजार करते है जो पांच मिनट के लिए उन्हें अपना हेलमेट दे. उन्होंने कहा कि गलत कामों में सहायता करने वालों की कमी नहीं है. किसी और का हेलमेट लेकर पेट्रोल लेकर वे हेलमेट लौटा देते हैं.
पंप कर्मचारी ने कहा कि इसके अतिरिक्त इस निर्देश के जारी होने के तीन दिन गुजर जाने के बाद भी कई पेट्रोल पंपों पर प्रशासन की ओर से होर्डिंग नहीं लगाया गया है. इसके अलावा पंप प्रबंधन ने भी अपने कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षित नहीं किया. इस संबध में प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि राज्य की मुख्यमंत्री ने एक सकारात्मक पहल की है.
बीते रविवार को ही निर्देशिका जारी की गयी है. प्रशासन अपनी ओर से कड़ी निगरानी रख रहा है. पेट्रोल पंपों को सीसीटीवी फुटेज रखने का निर्देश दिया गया है. कानून तोड़नेवाले कब तक प्रशासन से आंखमिचौनी खेलेंगे. वे पकड़े जायेंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.
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