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गाय बचाने की कोशिश में दो भाइयों की मौत
मालदा : पड़ोसी की गाय कुएं से निकालने गये दो भाइयों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गयी. बुधवार सुबह सात बजे यह घटना हबीबपुर थाने की वैद्यपुर ग्राम पंचायत के पावर्तीभांगा गांव में घटी. कुएं में उतरा एक और ग्रामीण बीमार हो गया है. उसका इलाज हबीबपुर के बुलबुलचंडी ग्रामीण अस्पताल […]
मालदा : पड़ोसी की गाय कुएं से निकालने गये दो भाइयों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गयी. बुधवार सुबह सात बजे यह घटना हबीबपुर थाने की वैद्यपुर ग्राम पंचायत के पावर्तीभांगा गांव में घटी. कुएं में उतरा एक और ग्रामीण बीमार हो गया है. उसका इलाज हबीबपुर के बुलबुलचंडी ग्रामीण अस्पताल में चल रहा है.
घटना के करीब एक घंटे बाद मालदा शहर से आये दमकल कर्मियों ने मृतकों और बीमार को कुएं से निकाला. पुलिस ने बताया कि दोनों मृत भाइयों का नाम दीपंकर अधिकारी (30) और गोपाल अधिकारी (24) है. दोनों पेशे से ट्यूटर थे. वहीं जहरीली गैस से बीमार पड़े व्यक्ति का नाम बाबू मुर्मू (28) है. मृतकों के परिवार ने इस सिलसिले में पड़ोसी गोकुल मंडल के खिलाफ हबीबपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. उनका आरोप है कि उस कुएं में पानी नहीं रहता था. उसमें केवल कचरा फेंका जाता था.
पुलिस के पास शिकायत में मृतकों के एक रिश्तेदार रतन अधिकारी ने कहा कि पड़ोसी गोकुल मंडल के घर में एक बेकार पड़ा कुआं है, जो करीब 40 फुट गहरा है. इसमें गोकुल मंडल की एक गाय गिर गयी. इसके बाद गोकुल मंडल का परिवार पड़ोसी दीपंकर को गाय निकालने के लिए बुला ले गया. एक रस्सी की मदद से दीपंकर कुएं में उतरा. लेकिन कुएं में उतरते ही दीपंकर बेहोश हो गया.
बड़े भाई को बेहोश होते देख उसका भाई गोपाल उसी तरह रस्सी की मदद से कुएं में उतरा. वह भी बेहोश हो गया. दोनों भाइयों का यह हाल देख एक ग्रामीण बाबू मुर्मू उन्हें बचाने के लिए उसी तरह कुएं में उतरा. उसकी भी हालत बिगड़ गयी.
इस बारे में खबर फैलते ही पूरे गांव में हंगामा मच गया. दमकल विभाग को खबर दी गयी. पावर्तीभांगा से मालदा शहर करीब 50 किलोमीटर दूर है. मालदा से दमकल गाड़ी को आने में करीब एक घंटा लग गया. दमकल कर्मियों ने तीनों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया. साथ ही गाय को भी दमकल कर्मियों ने निकाला.
तीनों के अस्पताल पहुंचने के बाद, उनमें से दो भाइयों को ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मृतकों की बुआ नयनतारा अधिकारी ने बताया कि दीपंकर और उसके भाई को पड़ोसी गोकुल और उसकी पत्नी बुलाकर ले गये थे. वे खुद कुएं में नहीं उतरे और दोनों भाइयों को कुएं में उतार दिया. वह कुआं बेकार पड़ा था और उसमें कचरा फेंका जाता था. काफी दिनों से उस कुएं को बंद कर देने के लिए कहा जा रहा था. लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी. पड़ोसी गोकुल की लापरवाही की वजह से ही यह हादसा हुआ है. पुलिस को इस बारे में बता दिया गया है.
मृत भाइयों के एक अन्य रिश्तेदार द्वीजेन अधिकारी ने बताया कि मृत दीपंकर और गोपाल तीन भाई थे. सबसे बड़े भाई की कुछ साल पहले एक हादसे में मौत हो गयी थी. उनके पिता विष्णुपद अधिकारी का भी निधन हो चुका है. दोनों भाई ट्यूशन पढ़ाते थे और अपनी बूढ़ी मां आलता देवी के साथ रहते थे. दोनों भाइयों की मौत से पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है.
वैद्यपुर ग्राम पंचायत के स्थानीय तृणमल पंचायत सदस्य देवदास विश्वास ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है. कुएं में जहरीली गैस की वजह से दोनों भाइयों की मौत हुई. बेकार पड़े कुएं को इतने दिन तक बंद क्यों नहीं किया गया, इसका कोई ठीकठाक जवाब गोकुल मंडल और उनका परिवार नहीं दे पा रहा है.
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