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बक्सा टाइगर रिजर्व में मिला हाथी का सरकटा शव
अलीपुरद्वार : अलीपुरद्वार जिले में बक्सा टाइगर रिजर्व के पूर्वी डिवीजन के रायडाक रेंज के टीयामारी जंगल से लगी रायडाक नदी से एक पूर्णवयस्क दंतैल हाथी का शव बरामद किया गया है. यह इलाका असम और भूटान की सीमा से लगा हुआ है और यहां खूब घना जंगल है. हाथी की मौत का कारण अभी […]
अलीपुरद्वार : अलीपुरद्वार जिले में बक्सा टाइगर रिजर्व के पूर्वी डिवीजन के रायडाक रेंज के टीयामारी जंगल से लगी रायडाक नदी से एक पूर्णवयस्क दंतैल हाथी का शव बरामद किया गया है. यह इलाका असम और भूटान की सीमा से लगा हुआ है और यहां खूब घना जंगल है. हाथी की मौत का कारण अभी पता नहीं चला है. हाथी का सर कटा होने के कारण हत्या में तस्करों पर संदेह किया जा रहा है.
बहुत घना जंगल होने की वजह से मृत हाथी का शव पोस्टमार्टम के लिए दूसरी जगह ले जाना संभव नहीं है. अभी जंगल में कीचड और पानी होने की वजह से भी बड़ी गाड़ी का आना-जाना मुश्किल है.
भूटान के कालीखोला जंगल से लगे होने के कारण टीयामारी के जंगल में पूर्वोत्तर भारत से वन्य प्राणी तस्कर आसानी से घुस आते हैं. इस जंगल में असम, भूटान और बंगाल के जंगलों से हाथियों की आवाजाही हमेशा ही लगी रहती है. इसीलिए यह इलाका तस्करों के निशाने पर रहता है.
इस जंगल में आवाजाही करने में वनकर्मी भी डरते हैं. वह वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामवासियों से खबर लेते रहते हैं. बक्सा व्याघ्र परियोजना के फील्ड डायरेक्टर उज्ज्वल घोष ने बताया कि हाथी की मौत कुछ दिन पहले हुई होगी. हाथी का सर धड़ से काटकर अलग किया गया है. कटे हुए सर और दांतों की खोज में वनकर्मी लगे हुए हैं. आशंका जतायी जा रही है कि दांत काटने के लिए ही हाथी का सर धड़ से काटकर अलग किया गया है.
हाथी को जहरीले तीर से मारा गया है या साइलेंसर लगी बंदूक से, इस बारे में बक्सा व्याघ्र परियोजना के अधिकारी अभी कुछ बोलना नहीं चाह रहे हैं. वह पोस्टमार्टम के बाद ही इस बारे में कुछ कहना चाहते हैं. इस इलाके में पहले भी कई बार हाथियों को मारे जाने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें हाथियों को तीर या गोली से निशाना बनाया गया.
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