सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में दो दिन पहले 28 जून यानी मंगलवार को वाम बोर्ड के मेयर अशोक भट्टाचार्य द्वारा सत्र् 2016-17 के लिए घाटे का बजट पेश किया गया था. गुरुवार को विरोधियों द्वारा जोरदार विरोध करने के बावजूद स्वाभाविक तौर पर बजट पर चर्चा हुआ. चर्चा के दौरान कांग्रेस के दो और तृणमूल […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में दो दिन पहले 28 जून यानी मंगलवार को वाम बोर्ड के मेयर अशोक भट्टाचार्य द्वारा सत्र् 2016-17 के लिए घाटे का बजट पेश किया गया था. गुरुवार को विरोधियों द्वारा जोरदार विरोध करने के बावजूद स्वाभाविक तौर पर बजट पर चर्चा हुआ. चर्चा के दौरान कांग्रेस के दो और तृणमूल कांग्रेस के एक प्रस्ताव पर वाम बोर्ड ने मोहर लगा दी. साथ ही कांग्रेस के चारों पार्षदों के समर्थन से वाम बोर्ड ने बजट पास कर दिया.
इससे पहले बजट सत्र के दौरान मेयर के एक विवादास्पद बयान पर तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों ने जोरदार हंगामा किया और अशोक भट्टाचार्य को माफी मांगने के लिए मजबूर किया. विरोधियों के सवालों का जवाब देने के दौरान श्री भट्टाचार्य काफी तेश में दिखायी दिये.
तृणमूल पार्षद कृष्णचंद्र पाल के सवाल का जवाब देने के दौरान श्री भट्टाचार्य अपना आपा खो बैठे और अप्रत्यक्ष रूप से 20 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद व दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रंजन सरकार उर्फ राणा दा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों से कम मुलाकात करता हुं और कम बातचीत करने में उनकी ही भलाई समझता हूं. मुझे इस बात का डर रहता है कि उनके साथ अगर निगम के विकास के लिए भी बात करूं तो वे लोग अपने पार्टी सुप्रीमो के नजर में आयेंगे और उनपर बेवजह गाज गिरेगी. इसी डर से ममता सरकार के नगरपालिका व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकिम उनसे मिलने से करतराते हैं और ममता ने दार्जिलिंग जिला तणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से रंजन सरकार का पत्ता काटकर वापस मंत्री गौतम देव को यह महत्त्वपूर्ण दायित्व सौंप दिया. और किसी के साथ भी ऐसा हो मैं नहीं चाहता.
श्री भट्टाचार्य का इतना कहते ही प्रतिपक्ष के नेता नांटु पाल के नेतृत्व में तृणमूल के सभी 17 पार्षदों ने खूब हंगामा किया. श्री पाल ने मेयर नीति-आदर्श का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि किसी पार्टी के अंदरूनी मामलों को बजट सत्र में उठाकर किसी के साथ मजाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. तृणमूल पार्षदों ने मेयर को अपना विवादास्पद बयान वापस लेने और माफी मांगने के लिए मजबूर किया.
अन्यथा बजट सत्र का बहिष्कार करने की धमकी दी. बाद में चेयरमैन दिलीप सिंह ने इस विवाद पर हस्तक्षेप कर विरोधियों को शांत कराया और मेयर को अपना बयान वापस लेने का निर्देश दिया. मेयर ने तृणमूल पार्षदों से माफी मांगते हुए कहा कि मेरे बयान से अगर किसी को गहरा अघात पहुंचा है तो मैं अपना बयान वापस लेता हूं और क्षमा चाहता हूं.
किन तीन प्रस्तावों पर हुई मंजूरी
बजट पर चर्चा के दौरान 25 नंबर वार्ड की कांग्रेस पार्षद सीमा साह ने दो सौ से अधिक नये विधवाओं को विधवा भत्ता देने और 45-40 उम्र की बिन ब्याही औरतों को कुंआरी भत्ता देने के प्रस्ताव को जोरदार तरीके से उठाया. वहीं, 16 नंबर वार्ड के कांग्रेस पार्षद सुजय घटक उर्फ काला दा ने निगम क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पांचों बोरो कमेटियों को साथ लेकर काम करने का प्रस्ताव दिया. कांग्रेस के इन दोनों प्रस्तावों को वाम बोर्ड ने मंजूर कर लिया. दूसरी ओर, 18 नंबर वार्ड के तणमूल पार्षद निखिल साहनी ने निगम के ऐसे हरिजन कर्मचारियों को चिह्नित करने का वाम बोर्ड को सलाह दिया, जो काम के दौरान अपंग हो गये. ऐसे कर्मचारियों को दिव्यांग भत्ता देने का प्रस्ताव दिया. मेयर ने तृणमूल कांग्रेस के इस प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया.
तृणमूल के साथ भाजपा ने भी बजट का नहीं किया समर्थन
तृणमूल पार्षदों के साथ ही भाजपा के दोनों महिला पार्षदों ने भी बजट का समर्थन नहीं किया. एक नंबर वार्ड की पार्षद मालती राय ने अपने वार्ड में जल जमाव, जल निकासी, गंदगी व महानंदा दखल कर बनाये जा रहे अवैध पक्के मकान का मुद्दा पिछली बार की तरह इसबार भी उठाया और वाम बोर्ड के इस बजट का समर्थन नहीं की. वहीं, आठ नंबर वार्ड की खुशबू मित्तल ने वाम बोर्ड को अपनी एक साल की नाकामियों की गिनती गिनायी.