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छात्राओं ने लड़कों के प्रवेश पर उठाये सवाल, लड़कों ने की पिटाई

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महिला महाविद्यालय में छात्र संसद चुनाव के दौरान हंगामा हुआ. बताया जा रहा है कि बाहर से कुछ लड़के आकर कालेज में छात्राओं की पिटाई की. इसे लेकर छात्राओं ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि मनचले लड़के अब स्कूल के अंदर आकर पिटाई तक कर रहे हैं. कॉलेज प्रशासन और पुलिस […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महिला महाविद्यालय में छात्र संसद चुनाव के दौरान हंगामा हुआ. बताया जा रहा है कि बाहर से कुछ लड़के आकर कालेज में छात्राओं की पिटाई की. इसे लेकर छात्राओं ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि मनचले लड़के अब स्कूल के अंदर आकर पिटाई तक कर रहे हैं. कॉलेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन मूक दर्शक की भूमिका निभाती है. केवल चुनाव के दौरान ही बाहर के लड़के आक्रमण करते है, ऐसी बात नहीं. इस महिला महाविद्यालय की लड़कियों को साल भर ही मनचले लड़कों की फब्तियों का सामना करना पड़ता है. सिलीगुड़ी महकमा शासक, पुलिस प्रशासन सबके दरवाजे पर अपनी आप बीती बता बताकर ये छात्रएं थक गयी है. और अब पिटने को विवश है. इनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है.

एसएफआई के जिलाअध्यक्ष सौरभ सरकार ने बताया कि छात्र संसद चुनाव में बाहर के आदमी और लड़के का प्रयोग तृणमूल पार्टी क्यों कर रही है. सूर्यसेन कॉलेज के बाल्मिकी स्कूल के मैदान में दिन भर एनजेपी तृणमूल कांग्रेस,मजदूर संगठन के कर्मचारी दलबल और हथियार के साथ रहते है. दूसरी ओर तृणमूल छात्र परिषद और छात्र परिषद में गठजोड़ है या अलग है, पता नहीं चलता. जिला सचिव सौरभ दास ने बताया कि गत वर्ष एसएफआई को हराने के लिए तृणमूल छात्र परिषद और छात्र परिषद एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ते थें. केवल कॉमर्स कॉलेज में गठजोड़ नहीं था. यह स्थिति नगर निगम चुनाव, विधान सभा चुनाव व आगे लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा. इसवर्ष सभी कॉलेज में मसल पावर के दम पर एसएफआई छात्रों को रोका जा रहा है.

छात्र परिषद के पूर्व नेता व दार्जिलिंग जिला लोकसभा क्षेत्र, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अभिजीत राय चौधरी ने बताया कि मुझे समझ में नहीं आता कि कॉलेज के मुख्यद्वार पर पहचान-पत्र देखने का अधिकार तृणमूल छात्र परिषद को कॉलेज प्रशासन ने क्यों दिया. चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए. लेकिन अक्सर देखा जाता है कि चुनाव के दौरान प्राचार्य शासक दल के साथ हो जाते है. जब वामफ्रंट सत्ता में थी, तो सिलीगुड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मलय कांति करंजयी पूर्व नगर विकास मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य की बात सुनते थे. लेकिन जब तृणमूल सरकार के हाथों सत्ता चली गयी, तो अब वें मंत्री गौतम देव की बात सुन रहें है.

तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष निर्णय राय ने बताया कि यह सब आरोप बेबुनियाद है. कॉमर्स कॉलेज में बुधवार और गुरूवार को जो झड़प हुआ, उसमें छात्र परिषद का दोष है. आखिर जुलूस लेकर कॉलेज में प्रवेश करने की क्या जरूरत थी. छात्र परिषद गुंडे-मवाली के साथ कॉलेज के बाहर क्यों खड़े रहते है?

सिलीगुड़ी कॉलेज, हिंदी विभाग, तृतीय वर्ष की छात्र पंपा राय ने बताया कि हमारे छात्र प्रतिनिधि हमारे लिए तो कभी आवाज ही नहीं उठाते. हमारे विभाग में पिछले एक दशक से दर्जनों समस्या है, लेकिन उसका समाधान किसी ने नहीं किया. विभाग में दो शिक्षक है. पुस्तक नहीं है. मुद्दे को कोई उठाता ही नहीं. ऐसे में चुनाव का कोई मतलब ही नहीं. यह बस स्वयं को या पार्टी को लाभ देने के लिए किया जाता है.

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