इससे कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं और एक बार फिर से जिले में अपना संगठन खड़ा करना चाहते हैं. अब देखना यह है कि जिले से पूरी तरह नेस्तनाबूत हो चुकी कांग्रेस सिर्फ एक सीट के सहारे कैसे अपना संगठन मजबूत कर पाती है.
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दक्षिण दिनाजपुर में फिर संगठन खड़ा करनी चाहती है पार्टी
बालुरघाट. दक्षिण दिनाजपुर जिले में 34 सालों की लंबी अवधि के बाद कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में एक सीट मिली है. वाम मोरचा के साथ गंठजोड़ करने के बाद जिले की गंगारामपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गौतम दास विजयी रहे. संगठन न होने के बावजूद वाम का समर्थन होने से कांग्रेस जिले में अपना […]
बालुरघाट. दक्षिण दिनाजपुर जिले में 34 सालों की लंबी अवधि के बाद कांग्रेस को इस विधानसभा चुनाव में एक सीट मिली है. वाम मोरचा के साथ गंठजोड़ करने के बाद जिले की गंगारामपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गौतम दास विजयी रहे. संगठन न होने के बावजूद वाम का समर्थन होने से कांग्रेस जिले में अपना खाता खोलने में सफल रही.
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नीलांजन राय ने कहा कि सन 1982 में जिले की कुशमंडी सीट से धीरेन सरकार हमारे विधायक थे. इसके बाद से हमारा कभी कोई विधायक नहीं हुआ. इस बार 34 साल बाद जिले में हमलोगों ने एक सीट जीती है. हमारी पार्टी के जुझारू नेता गौतम दास विजयी रहे हैं. अगर वह गंगारामपुर के लोगों की उम्मीदों को पूरा कर पाते हैं, तो जिले में हमारा संगठन भी मजबूत हो सकेगा और एक बार फिर इलाके में कांग्रेस मजबूत हालत में लौट सकेगी.
तृणमूल के सत्ता में आने से पहले जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों व पंचायत समितियों में कांग्रेस के कुछ सदस्य थे. लेकिन तृणमूल के सत्ता में आने के बाद सभी सत्तारूढ़ दल में चले गये. नतीजा यह हुआ कि बीते पांच वर्षों में संगठन के नाम पर सिर्फ कांग्रेस का साइन बोर्ड बचा रह गया था. पिछले नगरपालिका चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक में कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. इस बार विधानसभा चुनाव में वाम-कांग्रेस का गंठबंधन होने के बाद जिले की छह सीटों में से वाम मोरचा ने एक सीट गंगारामपुर कांग्रेस के लिए छोड़ दी. कांग्रेस का अपना कोई संगठन न होने के बावजूद वाम के समर्थन से उसकी उम्मीदवार गौतम दास को जीत मिल गयी. इस सीट पर तृणमूल उम्मीदवार सत्येन राय को गौतम दास ने 10733 वोटों से हराया.
इस सफलता से जिला कांग्रेस के खेमे में एक नयी जान आ गयी है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस सफलता को और आगे बढ़ाने के लिए जल्दी ही पार्टी की एक सांगठनिक बैठक बुलायी जायेगी, जिसमें गौतम दास को सामने रखकर पार्टी के पुराने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को वापस संगठन में लाने की एक योजना तैयार की जा सकती है.
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