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ट्रांसपोर्टरों की मकान मालिक के साथ ठनी

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी थाने के निकट मुंदरा कम्पाउंड में ट्रांसपोर्टरों और मकान माकिल के बीच ठन गयी है. सिलीगुड़ी रोडवेज व्यवसायी एसोसिएशन के महासचिव अरविंद घोष ने मालिक पक्ष पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है. आज एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि मुंदरा परिवार पिछले कई दिनों से वेवजह व्यवसासियों को […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी थाने के निकट मुंदरा कम्पाउंड में ट्रांसपोर्टरों और मकान माकिल के बीच ठन गयी है. सिलीगुड़ी रोडवेज व्यवसायी एसोसिएशन के महासचिव अरविंद घोष ने मालिक पक्ष पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है. आज एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि मुंदरा परिवार पिछले कई दिनों से वेवजह व्यवसासियों को परेशान कर रहा है. इस कम्पाउंड में पांच ट्रांसपोर्ट व्यवसायी है.

जिनमें से चार सिलीगुड़ी रोडवेज एसोसिएशन के सदस्य है. ये रोडवेज व्यवसायी करीब पिछले 40 वर्षों से यहां किराये पर गोडाउन लेकर हैं. माल से लदी गाड़ियां यहां अनलोड भी होती है और यहां से माल लोड कर अन्यत्र भी ले जाते हैं. श्री घोष का कहना है कि मालिक पक्ष मुंदरा परिवार के लोग व्यवसासियों को वेवजह परेशान कर रहे हैं.

मालिक पक्ष व्यवसासियों को हटाना चाहते हैं. इस कारोबार को स्थानांतरित करना इतना आसान नहीं है. इससे व्यवसाय को काफी नुकसान होगा. श्री घोष ने बताया कि पहले से ही करीब 33 फीट का गेट था जिसे मालिक पक्ष की ओर से अब 15 फीट कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त ट्रकों की आवाजाही भी रोकी जा रही है. मालिक पक्ष की ओर से गेट के खुलने का समय सुबह आठ बजे से शाम के आठ बजे तक निर्धारित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सिविल जज से यथास्थित बनाये रखने का आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है. श्री घोष का कहना है कि गेट खुले रहने का समय पहले से निर्धारित नहीं था. वैसे भी नियमानुसार रोडवेज की ट्रक रात के नौ बजे के बाद ही निकलती है, और सुबह आठ बजे तक गोडाउन में खड़ी हो जाती है. इतने वर्षों में मालिक पक्ष की ओर से कोई रोकटोक नहीं की गयी.

मुंदरा परिवार ने दी सफाई
इधर मालिक पक्ष की ओर से राजेश मुंदरा ने बताया कि मुंदरा कम्पाउंड एकदम सिलीगुड़ी थाने से सटा हुआ है. रोडवेज व्यवसायी अपना सारा समान गोडाउन के बाहर ही रखते हैं. इसके अलावा दिन के अलावा रात-रात भर ट्रक कम्पाउंड में ही खड़ी रहती है. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्षों से सामान को गोडाउन में रखने का अनुरोध व्यवसासियों से किया जा रहा है. यह इलाका काफी रिहायशी है. कम्पाउंड में जिस प्रकार सामान विखरा रहता है, आग की एक चिंगारी एक भयावह रूप धारण कर सकती है. इसके अतिरिक्त व्यवसायियों को गोडाउन किराये पर दिया गया है, पूरा कम्पाउंड नहीं. जबकि व्यवसायी पूरे कम्पाउंड पर कब्जा जमा कर बैठे हैं.

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