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डेढ़ करोड़ के नशीले पदार्थ बरामद, छह गिरफ्तार
सिलीगुड़ी. चुनाव के इस मौसम में नागरिक प्रशासन व सीमा सुरक्षा बल की चौकसी काफी दुरुस्त कर दी गयी है. इसी का नतीजा है कि शनिवार रात तकरीबन 1.50 करोड़ के नशीले पदार्थ जब्त किये गये. नशे के कारोबार का इतना फैलाव देख कर प्रशासन में सनसनी है. नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए सिलीगुड़ी […]
सिलीगुड़ी. चुनाव के इस मौसम में नागरिक प्रशासन व सीमा सुरक्षा बल की चौकसी काफी दुरुस्त कर दी गयी है. इसी का नतीजा है कि शनिवार रात तकरीबन 1.50 करोड़ के नशीले पदार्थ जब्त किये गये. नशे के कारोबार का इतना फैलाव देख कर प्रशासन में सनसनी है. नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए सिलीगुड़ी को रूट के बतौर इस्तेमाल किया जा रहा है.
शनिवार की शाम को नशीली पदार्थों का एक बड़ा जखीरा सिलीगुड़ी के प्रधान नगर इलाके से जब्त किया गया. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो और बीएसएफ की इस कार्रवाई में कुल छह लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. इनमें एक महिला भी शामिल है. जब्त नशीली पदार्थों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1.50 करोड़ रुपये है. रविवार को सिलीगुड़ी के निकट कदमतला स्थित बीएसएफ के उत्तर बंगाल सीमांत कार्यालय के सभागार में नारकोटिक्स व बीएसएफ की ओर से आयोजित एक साझा संवाददाता सम्मेलन में उक्त जानकारी देते हुए बीएसएफ उत्तर बंगाल सीमांत के डीआइजी चमन राणा ने बताया कि नशीली पदार्थों में 8.14 किलोग्राम चरस, 40 ग्राम ब्राउन शुगर, 140 ग्राम मेथाकुलोन व 280 ग्राम कोकिन है. उन्होंने बताया कि चरस को छोड़कर नशीले पदार्थों की कीमत 1.25 करोड़ रुपये है. जबकि चरस की कीमत 25 लाख रुपये है.
नशीले पदार्थों के इस जखीरे के साथ सौमेश लामा, कृष्ण बहादुर तामांग, बबलू परियार, उत्तम कुमार प्रधान समेत पांच नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा भारत-नेपाल सीमांत पानीटंकी निवासी एक भारतीय महिला बेला वर्मन को गिरफ्तार किया गया है. राणा के मुताबिक, सौमेश लामा इस तस्कर गिरोह का मुखिया है. वहीं बबलू परियार इन नशीले पदार्थों को नेपाल से सिलीगुड़ी के रास्ते विभिन्न जगहों पर भेजता था.
उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से मिली गुप्त सूचना के आधार पर इस अभियान को सफल बनाया गया. गिरफ्तार किये गये आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि इन नशीले पदार्थों को हांगकांग भेजा जाना था. उन्होंने बताया कि प्रधान नगर स्थित एक कूरियर की दुकान से चार आरोपियों को चरस के साथ गिरफ्तार करने के बाद इनसे मिली जानकारी के आधार पर पानी टंकी स्थित गोपी बर्मन के घर पर छापा मारा गया. इस छापे में गोपी के घर से कोकीन, ब्राउन शुगर व मेथाकुलिन बरामद किया गया. गोपी की पत्नी बेला भी इस धंधे में शामिल है. गोपी फरार है और उसकी तालाश जारी है.
नारकोटिक्स ब्यूरो कोलकाता के निदेशक दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि गुप्त सूचना के मुताबिक, कुल 40 किलो चरस की तस्करी होनी थी, जबकि आठ किलो ही बरामद हुई है. आरोपियों से मिली जानकारी के अनुसार, 10 किलो चरस हांगकांग कूरियर की जानी थी. इस दस किलो में से दो किलो गिरफ्तार महिला बेला के पति गोपी बर्मन के पास है. आरोपियों ने नेपाल से सिलीगुड़ी आने के लिए जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया था वह दार्जिलिंग जिले के नंबर पर रजिस्टर्ड है. आरोपियों के पास से बरामद किये गये ड्राइविंग लाइसेंस फरजी हैं. यह भी जांच की जायेगी कि दार्जिलिंग के नंबर की गाड़ी नेपाली नागरिकों के पास कैसे है. उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों के पास से मिले दस्तावेजों के अनुसार ये लोग मानव तस्करी के साथ भी जुड़े हैं. रविवार को इन छह आरोपियों को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया.
बीएसएफ के डीआइजी श्री राणा ने बताया कि मामला काफी संवेदनशील है. नेपाल व हांगकांग के भारतीय दूतावास से संपर्क किया गया है. पत्रकार सम्मेलन में बीएसएफ के सेकेंड इन कमांड 66 बटालियन दिनेश कुमार, डीआइजी पीआरओ डी. हाओकिप, उपमहानिरीक्षक संक्रिया आर.सी. सिंह, 66 बटालियन के कमांडेंट राजीव वत्सराज, 66वीं बटालियन के एडजुडेंट प्रवीण कुमार सिंह व डीसीजी सीमांत एनके झा उपस्थित थे.
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