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महिलाओं को मिले उनका अधिकार

16वें राज्य विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही चारों ओर चुनावी चर्चा चरम पर है. मतदाता अपने-अपने अधिकारों के व राजनेताओं के वादों के आधार पर अपनान बहुमूल्य मतदान करने का मूड बना रहे हैं. ऐसे में महिला मतदाता भी आपस में विचार-मंथन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग कर अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहती […]

16वें राज्य विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही चारों ओर चुनावी चर्चा चरम पर है. मतदाता अपने-अपने अधिकारों के व राजनेताओं के वादों के आधार पर अपनान बहुमूल्य मतदान करने का मूड बना रहे हैं. ऐसे में महिला मतदाता भी आपस में विचार-मंथन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग कर अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहती है.
सिलीगुड़ी के साहु भवन में चुनावी मुद्दों पर बातचीत कर रही साहु समाज की महिलाओं से प्रभात खबर ने उनकी राय जानने की कोशिश की. पेश है महिलाओं के चुनावी मुद्दों के प्रमुख अंशः-
सुनीता गुप्ता (जेपी) – आज के दौर में नारी सशक्तिकरण के साथ ही हमें अपना अधिकार भी मिलना चाहिए. नारी सुरक्षा हमारा पहला अधिकार है. कुछ कथित लोगों की विकत मानसिकता के वजह से महिलाएं कहीं भी अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही. सरकार को ऐसी कुछ व्यस्थाएं बनानी चाहिए, जिससे महिलाएं ही नहीं, बल्कि नाबालिग बच्चियां भी हर जगह सुरक्षित रहें और इस स्वतंत्र भारत में पूरे आजादी के साथ निर्भिक होकर घुम सकें.
कल्पना गुप्ताः- कल्पना गुप्ता का कहना है कि बंगाल में बढ़ रहे नारी उत्पीड़न, अत्याचार, दुष्कर्म, बदसलूकी जैसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे मंत्रालय के तर्ज पर ही राज्य सरकार को भी एक एप्प सॉप्टवेयर लॉन्च करना चाहिए. अगर महिलाओं व किशोरियों के साथ कहीं भी किसी तरह का जुर्म होता है तो पीड़िता अपने मोबाइल फोन के जरिये ही उस एप्प पर वारदात की जानकारी शासन-प्रशासन को देकर अपनी सुरक्षा मिनटों में कर सकती हैं.
सुनीता गुप्ता (प्रेस) – महिलाओं को सरकार से मिलनेवाली अधिकांश योजनाओं (स्कीम) की जानकारी ही नहीं रहती है. इस वजह से महिलाएं अपना अधिकार सरकार से ले नहीं पाती. और जिन अधिकारों को लेने का प्रयास करती है वह सरकारी बाबूओं के चक्कर काटते-काटते चप्पल घिस जाते हैं, महिलाओं को सरकारी सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिलता. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि सरकारी सुविधाओं का सीधा लाभ हर वर्ग की महिलाओं तक समान तरीके से पहुंचे.
पूनम गुप्ताः- पूनम गुप्ता का कहना है कि हम ऐसा जनप्रतिनिधि चुनेंगे जो महिलाओं के अधिकार, विकास, आत्मनिर्भर, सुरक्षा के लिए आवाज उठायें और किये गये वादों को पूरा करें. सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को विस्तत जानकारी देने के लिए उचित व्यवस्था करें और प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक करें.
शकुंतला गुप्ताः- शकुंतला जी का कहना है कि बंगाल में प्रायः हर जगह हिंदी भाषी समाज को उपेक्षित किया जाता है. राजनीति हो या सरकारी नौकरी या फिर शिक्षा़ हर जगह हिंदी समाज अपने को उपेक्षित महसूस करता है. खासकर शिक्षा के मंदिर में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारी बंगला माध्यमों की स्कूलों के तुलना में हिंदी माध्यम वाले स्कूलों की अवस्था काफी दयनीय है. हिंदी स्कूलों में न तो सही ढंग से नियमित पढ़ाई होती है और न ही मीडे-मील की सही व्यवस्था है.
अनिता साह प्रसादः- अनिता जी का कहना है कि सत्ता में जो भी सरकार आये, उनसे गुजारिश है कि वह ओछी राजनीति न करें, केवल आम जनता के विकास पर काम करें. सिलीगुड़ी में इन दिनों ट्रॉफिक, ड्रेनेज, नियमित पेय जल आपूर्ति सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. शहर की नागरिक परिसेवा पूरी तरह ठप्प है. शहरवासियों को इन दिनों न तो सामाजिक सुरक्षा मिल रहा है और न ही नागरिक परिसेवा. उन्होंने शहर को ट्रॉफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार से और फ्लाइ ओवर निर्माण करने की अपील की है.
लोपामुद्राः- लोपामुद्रा का कहना है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल व मेडिकल कॉलेज व अस्पताल खुद बीमार पड़े हैं. अवस्था काफी दयनीय है. इन सरकारी अस्पतालों की स्थिति देख भले-चंगे आदमी भी बीमार पड़ जाते हैं.
सरकार बार-बार इन अस्पतालों में अच्छी स्वास्थ्य परिसेवा का दावा करती है लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही बयां करती है. मरीजों व उनके परिजनों के साथ सरकारी डॉक्टरों, नर्स व कर्मचारियों का रवैया काफी रूखा होता है. सरकार को इस ओर विशेष इंतजाम करना चाहिए.
मंजू गुप्ताः- मंजू गुप्ता का कहना है कि सरकार को अन्य समाज की गरीब महिलाओं के साथ-साथ हिंदी भाषी समाज की गरीब महिलाओं को भी स्वालंबन व आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से महिलाओं के लिए संचालित आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता जैसी योजनाओं में सरकार को हिंदी भाषी समाज की महिलाओं को भी काम का मौका देना चाहिए.
इनके अलावा मीणा गुप्ता, रेणु प्रसाद, विभा गुप्ता, इंदु गुप्ता, रेणु गुप्ता, अनिभा गुप्ता व अन्य महिलाओं ने भी विभिन्न मुद्दों पर अपना राय साझा करते हुए युवा ही नहीं, बल्कि हर उम्र के मतदाताओं से बहुमूल्य वोट देकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार के इस्तेमाल करने की अपील की है.

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