सिलीगुड़ी़ : चाय बागानों तथा चाय श्रमिकों की दुर्दशा के लिए पूर्ववर्ती केंद्र सरकार और और राज्य की सत्तारूढ़ वर्तमान तृणमूल सरकार है़ पहले की सरकारों ने इस समस्या को दूर करने की कोशिश नहीं की और अब जब केंद्र में वर्तमान भाजपा सरकार इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रही है तो […]
सिलीगुड़ी़ : चाय बागानों तथा चाय श्रमिकों की दुर्दशा के लिए पूर्ववर्ती केंद्र सरकार और और राज्य की सत्तारूढ़ वर्तमान तृणमूल सरकार है़ पहले की सरकारों ने इस समस्या को दूर करने की कोशिश नहीं की और अब जब केंद्र में वर्तमान भाजपा सरकार इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रही है तो तृणमूल उसमें बाधा उत्पन्न कर रही है़ यह आरोप दार्जिलिंग से भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया ने लगाया है़ वह यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे़ उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद उन्होंने चाय बागानों और चाय श्रमिकों की समस्या दूर करने की कई बार कोशिश की़ केंद्र सरकार की सहायता से समझौते की कोशिश की गयी़ हर बार तृणमूल की ट्रेड यूनियन नेता दोला सेन इसको रोक देती हैं.
दोला सेन कहती हैं कि कोई भी समझौता तृणमूल पार्टी के साथ ही करनी होगी़ स्वाभाविक रूप से इस समस्या का सामाधान नहीं हो पा रहा है़ अहलूवालिया ने कहा कि उत्तर बंगाल में चाय उद्योग तथा चाय श्रमिकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं काफी चिंतित हैं. चाय के साथ उनका भावनात्मक लगाव है,क्योंकि वह चाय बेचकर प्रधानमंत्री की कुरसी तक पहुंचे हैं.
चाय के साथ उनके लगाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह जब इंगलैंड के दौरे पर गये थे तो वहां की महारानी को दार्जिलिंग चाय उपहार में दिया था़ अहलूवालिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ चाय के मामले में ही नहीं,अन्य मामलों में भी उत्तर बंगाल की उपेक्षा हो रही है़ पहाड़ इसका ज्वंलत उदाहरण है़ आजादी के इतने सालों बाद भी दार्जिलिंग पहाड़ पर एक सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल तक की व्यवस्था नहीं है़ डायलेसिस कराने के लिए पहाड़ के लोगों को सिलीगुड़ी आना पड़ता है़ यहां आने जाने के साथ ही रोगियों और उनके परिजनों को कई दिनों तक रुकना भी पड़ता है़ इतने पैसे उनके पास नहीं होते़ इसके अलावा यहां एक केंद्रीय विश्वविद्यालय तक नहीं है,जबकि इसकी मांग काफी दिनों से होती रही है़ अहलूवालिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की हैसियत से पहली बार सिलीगुड़ी आ रहे हैं.
कल गुरुवार को सिलीगुड़ी के निकट गोसांइपुर में वह एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे़ उन्हें उम्मीद है कि मोदी उत्तर बंगाल के विकास के लिए अपनी योजनाओं की जानकारी लोगों को देंगे़ मोदी दो वर्ष पहले दस अप्रैल 2014 को यहां लोकसभा चुनाव के समय चुनाव प्रचार करने के लिए आए थे़ तब वह प्रधानमंत्री नहीं बल्कि गुजरात के मुख्यमंत्री थे़ प्रधानमंत्री की हैसियत से वह इस बार आ रहे हैं. नरेंद्र मोदी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बाद देश के तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो सिलीगुड़ी दौरे पर आ रहे हैं.
माकपा-कांग्रेस गंठबंधन को कोसा
अहलूवालिया ने विधानसभा चुनाव में माकपा तथा कांग्रेस के गंठबंधन को भी जमकर कोसा और कहा कि कांग्रेस एक अवसरवादी पार्टी है़ वर्ष 2011 के चुनाव में यह पार्टी तृणमूल के कंधे पर सवार हुई थी और इस बार माकपा के कंधे पर सवार है़ उन्होंने राज्य की तृणमूल सरकारी की भी जमकर आलोचना की़ अहलूवालिया ने कहा कि राज्य के लोगों ने पिछले चुनाव में आतंक फैलाने वाली पार्टी माकपा के शासन से मुक्ति पाने के लिए तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया था और राज्य में 34 साल के बाद परिवर्तन की सरकार बनी़ इसका कोई लाभ नहीं हुआ़ आतंक फैलाने वाली एक पार्टी की सरकार गयी तो दूसरी पार्टी की सरकार आ गयी़ उन्होंने दावा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा राज्य में जीत हासिल करेगी़.