यह देख उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव आगबबूला हो उठे और प्रदर्शनकारी महिलाओं के प्रतिनिधियों को अपने दफ्तर में बुलाकर पहले खूब फटकार लगायी. श्री देव ने कहा कि आप लोगों ने मुझसे कुछ मुद्दों पर बातचीत करने के लिए समय मांगा था और केवल 10 प्रतिनिधियों के आने की बात थी, न की हजारों की संख्या में महिला कर्मचारियों को साथ लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने की. श्री देव ने भड़कते हुए कहा कि आप के इस अलोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन की वजह से पूरे शहर में जाम लग गया है. पहले एनबीडीडी के सामने से इन महिलाओं को हटाये, तभी आप लोगों से बातचीत होगी. प्रदर्शनकारी महिलाओं की प्रतिनिधियों ने इसके लिए मंत्री से माफी मांगी और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने की गुहार लगायी.
प्रतिनिधियों का नेतृत्व कर रही रीता दास ने मंत्री को एक ज्ञापन सौंप कर कहा कि आइसीडीएस महिला कर्मचारियों पर हर रोज ही काम जल्द खत्म करने का राज्य सरकार का काफी दबाव रहता है लेकिन मेहनताना काम के बोझ से बहुत ही कम है और वह भी समय पर नहीं मिलता है.
उन्होंने आगे कहा कि सेवानिवृत्त आइसीडीएस महिला कर्मचारियों को एक मुश्त के हिसाब से तीन लाख व सहायिकाओं को दो लाख रूपये मिलने चाहिए. साथ ही पेंशन के रूप में प्रत्येक महीने महिला कर्मचारियों को तीन हजार व सहायिकाओं को दो हजार रूपये मिलने चाहिए. वहीं, रिक्त पदों पर जल्द बहाली करनी होगी और जब-तक नहीं होता है तब-तक डेपुटेशन के आधार पर दो हजार रूपये अतिरिक्त कार्यरत कर्मियों को देना होगा. खस्ताहाल आंगनबाड़ी केंद्रों की जल्द मरम्मत करने और मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने की भी उन्होंने मांग की. मंत्री ने समस्त मांगों पर जल्द मुख्यमंत्री व संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर समाधान का आश्वासन दिया.