सिलीगुड़ी. 75 दिनों तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद आखिरकार एक नवजात को नई जिंदगी मिल गई है. न केवल वह बच्ची, बल्कि उसकी मां भी पूरी तरह से स्वस्थ है. यह मामला सिलीगुड़ी के नेवटिया गेटवेल अस्पताल का है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, गंभीर स्थिति में एक महिला को प्रसव के लिए इस अस्पताल में भरती कराया गया था.
डॉक्टरों ने जांच की तो गर्भाशय में शिशु की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई थी. डॉ गोपाल खेमका ने मरीज की जांच की. उनके अनुसार, या तो मां को या फिर शिशु को बचाना ही संभव था. आखिरकार महिला के पति अशोक यादव ने शिशु की मां को बचाने के लिए डॉक्टरों से कहा. प्रसव के बाद नवजात बच्ची जीवित थी.
मात्र 7 सौ ग्राम वजन होने की वजह से नवजात बच्ची को बचाना बेहद मुश्किल था. उसकी सांसें चल रही थी और डॉ खेमका तथा उनकी टीम ने बच्ची को बचाने की कोशिश जारी रखी. नीकू में 75 दिनों तक चिकित्सा के बाद बच्ची की जान बचायी जा सकी. बच्ची का वजन अभी 13 सौ ग्राम है. न्यूरोलॉजी संबंधी कई बीमारियां उसकी दूर कर दी गई है. इस अथक चिकित्सा के लिए बच्ची के पिता ने डॉ गोपाल खेमका, डॉ सिंधू बाला, डॉ टीवी शेरपा एवं उनकी टीम को धन्यवाद दिया है.