जीटीए समझौते के अनुसार दार्जिलिंग पहाड़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण यथाशीघ्र हो. इस बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी कदम उठायें. गोरखा समुदाय की 11 जातियों भुजेल, गुरूंग, मंगर, नेवार, जोगी, खस, राई, सुनवार, थामी, याक्खा (देवान) और धिमाललाई को अखिल भारतीय स्तर पर केंद्रीय जनजाति का दरजा मिले. जीटीए समझौते के अनुसार पहाड़ में सैनिक स्कूल का निर्माण हो. साथ ही मल्टी सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की भी स्थापना हो.
प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कहा कि गोरखाओं ने भारत की सुरक्षा और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अनेक बलिदान दिया है. स्वतंत्र भारत में भी गोरखाओं का योगदान का उल्लेखनीय है. लेकिन बंगाल सरकार गोरखाओं के योगदान का सम्मान करने की जगह उन्हें विदेशी, बाहरी, घुसपैठिया कहकर लांछित करती है. गोरखाओं के सम्मान के लिए जरूरी है कि उन्हें अपना अलग राज्य गोरखालैंड मिले. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गोजमुमो के प्रतिनिधिमंडल को हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया.