सिलीगुड़ी: निर्भया, ज्योति, सुनीता, अंजलि जो नाम दे लीजिए! दर्द एक है! इसलिए 16 दिसंबर की वह काली रात के खिलाफ पूरा देश एक हुआ था. आज भी वह टीस बरकरार है. हमारी बहनें-बेटियां असुरक्षित हैं.
संसद से लेकर सड़क तक बहस हुई. वादे हुए, लेकिन जुर्म रुका नहीं. सिलीगुड़ी में नवरात्रि के पहले दिन एक गूंगी नाबालिग लड़की से बलात्कार. डुवार्स में एक फादर ने दर्जनों मासूम बच्चियों की अस्मत लूटी. रोज ये घटनाएं हो रही हैं. राजनेता अपने चुनावी वादे में महिला सुरक्षा की बात अक्सर भूल जाते हैं.
यह कहना है उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय की पूर्व अध्यापिका डॉ शुक्ला पाल का. उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर को दिल्ली में गैंग रेप हुआ था. महिलाओं की अस्मिता व उसकी सुरक्षा की मांग तथा बलात्कारियों को कठोर सजा देने की मांग को लेकर सोमवार को नारी निग्रह विरोधी नागरिक कमेटी की ओर से बाघाजतीन पार्क से रैली निकाली गयी. रैली में बैनर-पोस्टर लेकर हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया. यह रैली एयर व्यू मोड़ पर आकर समाप्त हुई.