इन दिनों ममता पहाड़ के दौरे पर हैं और उनके साथ बंगाल या उत्तर बंगाल ही नहीं, बल्कि पहाड़ की राजनीति में भी अपना वजूद रखनेवाले मुकुल राय भी हैं. ममता 24 जनवरी तक पहाड़ पर रहेंगी और डॉ छेत्री ने नयी पार्टी के घोषणा की तारीख उसके तीन दिन बाद की यानी 27 जनवरी रखी है. जानकारों की मानें तो ममता के पहले से तय पहाड़ दौरे की बाट जोह रहे हैं डॉ छेत्री. अगर ममता उन्हें पहाड़ की अहम जिम्मेदारी संभालने के लिए राजी कर लेती हैं, तो हो सकता है कि वह नयी पार्टी गठित करने का इरादा छोड़ दें. जिस तरह तृणमूल के ‘बागी’ सांसद मुकुल राय ने अलग पार्टी बनाने का इरादा अब छोड़ दिया है, हो सकता है उसी तरह डॉ छेत्री भी नयी पार्टी के एलान की बात छोड़ दें. राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें ममता जीटीए चीफ के उम्मीदवार के रूप में पेश करने का ऑफर दे सकती हैं.
ममता यह अच्छी तरह जानती हैं कि पहाड़ पर तृणमूल का अस्तित्व नगण्य है और डॉ छेत्री ही पहाड़ पर तृणमूल के तारनहार बन सकते हैं. फिलहाल हिल्स तृणमूल का दायित्व जो लोग संभाल रहे हैं, उनमें इतना दमखम नहीं है कि वे पहाड़ पर गोजमुमो जैसी मजबूत पार्टियों का मुकाबला कर सकें. अगर हर्क बहादुर को नयी पार्टी न बनाने एवं तृणमूल में शामिल करने में ममता कामयाब हो जाती हैं, तो पहाड़ पर तृणमूल का दावा काफी मजबूत हो जायेगा. अब पहाड़ की जनता टकटकी लगाये बैठी है कि 24 जनवरी के बाद डॉ हर्क बहादुर राजनीति की बिसात पर कौन सा मोहरा चलते हैं.