सबसे आश्चर्य की बात यह है किस सिलीगुड़ी में इतने समय तक रहने के बाद भी ममता ने किसी भी जिला तृणमूल नेताओं से बातचीत नहीं की़ इससे पहले मुख्यमंत्री सिलीगुड़ी के प्रत्येक दौरे में जिला तृणणूल नेताओं के साथ बैठक करती थीं. शायद यह पहली बार हुआ है जब कियी स्थानीय नेता से मिले बगैर ममता कोलकाता वापस लौट गयीं.
यहां उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही दार्जिलिंग जिला तृणमूल कमिटी को भंग कर मुख्यमंत्री ने सिलीगुड़ी नगर निगम के बीस नंबर वार्ड पार्षद रंजन सरकार को दार्जिलिंग जिला तृणमूल कमिटी का अध्यक्ष बनाया है़ लेकिन अब तक दार्जिलिंग जिला कमिटी का गठन नहीं हुआ है. सब यह मान कर चल रहे थे कि ममता बनर्जी स्वयं जिला कमिटी का गठन करेंगी.स्थिति यह रही कि ममता ने पहाड़ के तृणमूल नेताओं को मिलने तक का वक्त नहीं दिया़ मंगलवार की शाम पहाड़ के कुछ तृणमूल नेता ममता बनर्जी से मिलने के लिये सुकना के वन वंगलो पहुंचे जरूर थे, लेकिन ममता बनर्जी से मिलने से साफ इनकार कर दिया. ममता बनर्जी के काफिले में कुछ तृणमूल नेताओं की गाड़ियां जरूर शामिल थी़ किसी भी तृणमूल नेता को ममता के साथ खड़ा नहीं देखा गया. यहां तक दार्जिलिंग जिला तृणमूल के नव निर्वाचित अध्यक्ष रंजन सरकार भी उपस्थित नहीं थे.