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जिला युवा तृणमूल अध्यक्ष सैकत ने दी चुनौती

जलपाईगुड़ी : डंकन सहित डुआर्स के अन्य चाय बागानों में भी श्रमिकों की मौत लगातार जारी है. लेकिन इसका कारण भुखमरी या चिकित्सा व्यवस्था का अभाव है, इसे जिला प्रशासन के साथ-साथ जिला तृणमूल कांग्रेस ने भी अस्वीकार किया है. जलपाईगुड़ी जिला युवा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सैकत चटर्जी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा […]

जलपाईगुड़ी : डंकन सहित डुआर्स के अन्य चाय बागानों में भी श्रमिकों की मौत लगातार जारी है. लेकिन इसका कारण भुखमरी या चिकित्सा व्यवस्था का अभाव है, इसे जिला प्रशासन के साथ-साथ जिला तृणमूल कांग्रेस ने भी अस्वीकार किया है.
जलपाईगुड़ी जिला युवा तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष सैकत चटर्जी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि वामदल के शासनकाल में 34 चाय बागान बंद हो गये थे. सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल सरकार इस संख्या को कम कर चार पर लायी. लेकिन वामदल का अनुयायी डंकन ग्रुप अचानक ही साठ हजार चाय श्रमिकों को बेरोजगारी के गड्ढे में धकेलकर चला गया. डंकन ग्रुप के चाय बागानों को खोलने के लिए राज्य सरकार की ओर से सीआइडी जांच शुरू करायी गयी है.
श्री चक्रवर्ती ने दावा करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने चाय बागान मालिकपक्ष के विरुद्ध सीआईडी जांच शुरू की है. उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी बंद व अचल चाय बागानों को वापस द्रुत गति से चालू करने के लिए पूंजीपतियों को न्योता दिया है. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि डंकन ग्रुप के रुपयों से ही वामदल सरकार चलती थी. इसलिए वाम सरकार ने डंकन के विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
श्रमिकों की मृत्यु पर दावा करते हुए उन्होंने कहा कि वामदल, कांग्रेस या भाजपा किसी ने भी यह प्रमाणित कर दिया कि चाय बागानों में श्रमिकों की मौत भूख या चिकित्सा व्यवस्था के अभाव के कारण हो रही है, तो मैं अपना राजनीतिक वक्तव्य वापस ले लूंगा. श्री चक्रवर्ती ने बताया कि उनके पास चिकित्सक की रिपोर्ट आदि ऐसे प्रमाण हैं जिससे वे प्रमाणित कर सकते हैं कि चाय बागानों के श्रमिकों की मौत भूख व चिकित्सा व्यवस्था के अभाव में नहीं, बल्कि विभिन्न रोग या अन्य कारणों से हो रही है.

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