सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह विवेक जायसवाल ने वार्ड में कोई चिकित्सकीय सामान नर्स से मांगा. इसे लेकर दोनों में बहस शुरू हो गयी. महिला नर्स ने विवेक पर आरोप लगाया है कि विवेक ने ट्रे के ढक्कन से उसके सीने पर वार किया और लिफ्टर को पटक कर तोड़ दिया. इसके बाद उसका हाथ मरोड़कर उससे गॉज व इंजेक्शन लिया. नर्स के सीने में चोट लगने की वजह से उसे महिला वार्ड में भर्ती कराया गया है. घटनास्थल पर नर्सों की प्रभारी जयिता बनर्जी सहित कुल चार नर्सें उपस्थित थीं, जिनमें पीड़िता भी शामिल है.
प्रभारी जयिता बनर्जी ने बताया कि विवेक ने गॉज-इंजेक्शन आदि सामान उस नर्स से मांगा. इसके जवाब में नर्स ने विवेक से कहा कि रैक में रखा हुआ है ले लो. इसके बाद विवेक नर्स को दायित्वबोध कराने के नाम पर असभ्य बरताव करने लगा. नर्स ने इसका विरोध किया. इससे नाराज होकर विवेक ने ट्रे के ढक्कन से उसके सीने पर वार किया एवं उसका हाथ मरोड़ दिया. इस घटना की निंदा करते हुये जयिता बनर्जी ने आरोपी को उचित सजा देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मंगलवार तक उचित कार्रवाई ना होने पर आगे के रास्ते पर विचार किया जायेगा.
घटना की खबर पाकर मेडिकल कॉलेज की नर्सों व अन्य महिला कर्मचारियों ने आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर मेडिकल अधीक्षक डॉ निर्मल बेरा का घेराव किया. मंगलवार तक जांच कमिटी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर उपयुक्त कदम उठाये जाने के आश्वासन के बाद अधीक्षक का घेराव समाप्त हुआ. मेडिकल अधीक्षक के घेराव में राज्य कर्मचारी फेडरेशन के उत्तर बंगाल शाखा के सचिव प्रशांत सरकार व पश्चिम बंगाल समन्वय कमिटी के जिला संयुक्त सचिव उत्पल सरकार भी शामिल थे. इन दोनों ने बताया कि मंगलवार को जांच कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे उचित कदम उठाया जायेगा.
मेडिकल अधीक्षक डॉ बेरा ने बताया कि घटना में दोनों पक्षों के बयान में काफी अंतर पाये जाने के बाद घटनी की निष्पक्ष जांच कराने के लिये एक जांच कमिटी बैठाने का निर्णय लिया गया है. इस जांच कमिटी में छात्र मामलों के डीन, नर्सिंग सुप्रीटेंडेंट, गाईनी विभाग के प्रमुख व बायो केमेस्ट्री विभाग के प्रमुख को रखा गया है. मेडीकल अधीक्षक ने बताया कि जांच कमिटी के रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि आखिर हुआ क्या था.