सिलीगुड़ी: सिक्किम यूनिवर्सिटी के पूर्व उपकुलपति डॉ महेंद्र पी लामा ने शनिवार को सुकना में आयोजित विशाल जनसभा में राजनीतिक मैदान में उतरने का सीधे एलान कर दिया. अपने विश्वविद्यालय में वे नये प्रयोग के लिए जाने जाते हैं.
राजनीति में उनका नया प्रयोग कितना सफल होगा, वह 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के फैसले से पता चलेगा. लेकिन राजनीति प्रबंधन उनका तगड़ा है, यह उन्होंने इस जनसभा में सिद्ध कर दिया. इस सभा में आदिवासी विकास परिषद, गोरखालीग, ज्वाइंट एक्शन कमेटी के साथ-साथ मारवाड़ी, बिहारी, बंगाली, मुस्मान भाई को एक मंच पर लाया. पंडित, मौलवी, चर्च के फादर, बौद्ध धर्म गुरूओं को भी अपने साथ खड़ा किया. डॉ महेंद्र पी लामा ने अपने संगठनक का नाम दिया है दाजिर्लिंग-डुवार्स यूनाइटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन. आज संगठन के झंडे को हवा में लहराया गया और झंडोत्तोलन भी किया.
डॉ महेंद्र पी लामा ने बताया कि मैं लोकसभा चुनाव में एक निर्दलीय होकर चुनाव लड़ूंगा. मेरे एजेंडे में अलग राज्य है, लेकिन वह किसी भाषा, जाति के लिए नहीं. मैं गोरखा के साथ आदिवासी, बिहारी, मारवाड़ी, बंगाली, मेची, राजवंशी सबके विकास के लिए कार्य करूंगा. मैं प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार रह चुका हूं. इसलिए केंद्रीय योजनाओं और उसके क्रियांवयन के विषय में जानता हूं.
दाजिर्लिंग और डुवार्स में केवल मनरेगा जैसी योजनायें ही दिखती है. जबकि केंद्रीय परियोजना के तहत 80 से अधिक परियोजनायें है. मैं यदि सांसद बनूंगा तो कम से कम 40 योजनायें लागू करवाने का वादा करता हूं. मैं कभी नहीं चाहूंगा कि डुवार्स और दाजिर्लिंग को लेकर जो राज्य बने उसका मुख्यमंत्री बंगाली या नेपाली हो! जो योग्य व काबिल हो , वह राज्य का नेतृत्व करें. इस सभा में ज्वांइट एक्सन कमेटी के दावा पाचखरिन, इनोस दास प्रधान, गोरखालीग के प्रताप खाती सहित विभिन्न सदस्य उपस्थित थे.