सिलीगुड़ी: दीपावली शब्द का मतलब ही है दीपों की पंक्ति. इस त्योहार में मिट्टी के बने दीयों में सरसों तेल व रूई से बनी बत्ती द्वारा रोशनी करने की परंपरा रही है़ लेकिन बदलते युग के साथ-साथ इस पारंपरिक रोशनी पर भी कृत्रिम रोशनी हावी हो चुकी है़ इसके बावजूद मिट्टी से दीये बनाने वाले कुम्हार अपनी पुश्तैनी पेशे के अस्तित्व को बरकरार रखे हैं और दीये बनाने के लिए 15 दिन पहले से ही जी-जान से जुटे हुए है़ं.
माटीगाड़ा के पालपाड़ा के कुम्हार टोली निवासी मिंटू पाल (66) का कहना है कि बीते पांच-सात वर्षों से दीपावली में मिट्टी के दीयों से रोशनी करने के रिवाज में काफी गिरावट आयी है़ इसकी जगह चाइना एवं दिल्ली के बने इलेक्ट्रोनिक बत्तियों ने ली ली है़ वजह आज के भौतिक व विलासिता वाले युग में कोई भी मेहनत नहीं करना चाहता़.
मिट्टी के दीयों को रोशनी करने के लिए पहले दीयों को पानी में भिगोना पड़ता है़ फिर दीयों में सरसों तेल डाल कर रूई से बने बत्ती से रोशनी की जाती है़ इतने झंझट से लोग रोशनी नहीं करना चाहते़ श्री पाल का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी भी इस पुश्तैनी काम को करना नहीं चाहती़ हम अपने दादा-परदादा के इस खानदानी पेशे को बरकरार रखना चाहते हैं और लोगों से दीपावली का त्योहार पारंपरिक रोशनी द्वारा ही मनाने की अपील करते है़ं .
चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक बत्तियों से पटा बाजार
रोशनी का त्योहार दीपावली के मात्र 10 दिन शेष बचे है़ं सिलीगुड़ी का बाजार अभी से ही चाइनीज इलेक्ट्रोनिक बत्तियों से पट चुका है़ इस बार लोगों को लुभाने के लिए डिस्को, म्यूजिक एवं मिरचाई बम के आवाज वाले तरह-तरह के लाइटें काफी किफायती कीमत पर बाजार में उपलब्ध है़ं सेठ श्रीलाल मार्केट स्थित एक इलेक्ट्रिक दुकान के मालिक अतुल पाल ने बताया कि मिरचाई बम, डीजे बल्ब, फैन लाइट, लोटस के आकार में बने बत्तियों की अधिक डिमांड है़ मिरचाई बम आवाज वाली बत्तियों की कीमत 2500 रुपये, फैन लाइट की कीमत 250 रुपये, डीजे बल्ब की कीमत 160 रुपये, लोटस बत्ती की कीमत 120 रुपये है़ वहीं अन्य दुकानदार संग्राम व सम्राट घोष ने बताया कि म्यूजिक कम लाइट वाले बत्तियों की भी काफी डिमांड है़ संग्र्राम ने बताया कि यूएसबी एलइडी म्यूजिक लाइटों के साथ पैन ड्राइव के मार्फत मनपसंद गीतों का भी लोग आनंद उठा सकते है़ं इसकी कीमत 750 रुपये है़ वहीं डिस्को लाइट की कीमत 1300 रुपये है़