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ममता के सामने तृणमूल में शामिल होंगे उदयन

सिलीगुड़ी. फारवर्ड ब्लॉक के बागी विधायक तथा दिनहाटा नगरपालिका के चेयरमैन उदयन गुहा का तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना करीब-करीब तय है. वह पिछले कई दिनों से अपनी पार्टी से बगावती तेवर अपनाये हुए हैं और यहां तक कि उन्होंने राज्य संपादक मंडली से अपना इस्तीफा तक दे दिया है. उदयन गुहा दो दिनों पहले […]

सिलीगुड़ी. फारवर्ड ब्लॉक के बागी विधायक तथा दिनहाटा नगरपालिका के चेयरमैन उदयन गुहा का तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना करीब-करीब तय है. वह पिछले कई दिनों से अपनी पार्टी से बगावती तेवर अपनाये हुए हैं और यहां तक कि उन्होंने राज्य संपादक मंडली से अपना इस्तीफा तक दे दिया है.

उदयन गुहा दो दिनों पहले अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि उनका तृणमूल में शामिल होना करीब-करीब तय है. उनके निकटवर्ती सूत्रों ने बताया है कि वह कोलकाता में ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल में शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि वह इस मुद्दे पर लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में हैं. इस मुद्दे पर कूचबिहार में तृणमूल का कोई भी नेता खुलकर कुछ भी नहीं कहना चाहता. तृणमूल के कूचबिहार जिला अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ घोष का कहना है कि उदयन गुहा के पार्टी में शामिल करने या नहीं करने का निर्णय राज्य कमेटी को करना है. जिला कमेटी से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने साफ-साफ कहा कि उदयन गुहा से उनकी इस मामले में कोई बातचीत नहीं हुई है. यहां उल्लेखनीय है कि कूचबिहार से पूरे उत्तर बंगाल में उदयन गुहा फारवर्ड ब्लॉक के हेवीवेट नेता समझे जाते हैं. उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार आदि जिलों में फारवर्ड ब्लॉक का जनाधार उन्हीं की वजह से है. एक पर एक जब तृणमूल कांग्रेस के सामने वाम मोरचा के तमाम बड़े नेता धराशायी हो रहे थे तब सिलीगुड़ी में अशोक भट्टाचार्य तथा दिनहाटा में उदयन गुहा ने संगठन की इज्जत बचायी थी. कुछ महीने पहले संपन्न नगरपालिका चुनाव में तमाम परिस्थितियों के विपरीत सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में जहां अशोक भट्टाचार्य ने वाम मोरचा की जीत दिलायी थी, वहीं दूसरी ओर दिनहाटा नगरपालिका पर वाम मोरचा ने उदयन गुहा के बदौलत कब्जा किया था.

अब जब उनके तृणमूल कांग्रेस में जाने की संभावना प्रबल दिख रही है, तो ऐसे में न केवल कूचबिहार बल्कि पूरे उत्तर बंगाल में फारवर्ड ब्लॉक के नेताओं में खलबली मची हुई है. पार्टी स्तर पर उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है. उनके निकटवर्ती सूत्रों के अनुसार उनके मानने की संभावना कम ही दिख रही है. उदयन गुहा के बागी तेवर का असर पार्टी में इतना अधिक है कि जिला कमेटी ने अपने सम्मेलन तक को टाल दिया है. जलपाईगुड़ी फारवर्ड ब्लॉक जिला कमेटी का सम्मेलन अनिश्चितकाल तक टलने के बाद कूचबिहार जिला कमेटी ने भी अपना सम्मेलन टाल दिया है.

पार्टी सूत्रों ने बताया है कि उदयन गुहा की सीधी टकराहट फारवर्ड ब्लॉक के सबसे वरिष्ठ नेता अशोक घोष के साथ है. दोनों नेताओं के बीच सुलह की कोशिश भी करायी जा रही है. दोनों नेताओं के बीच आपस में सुलह कराने के लिए न केवल कूचबिहार जिला कमेटी, बल्कि जलपाईगुड़ी जिला कमेटी भी सक्रिय है. पार्टी के कोई भी नेता नहीं चाहते कि फारवार्ड ब्लॉक में किसी प्रकार की कोई टूट हो. जलपाईगुड़ी जिला कमेटी के उपाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक गोविंद राय का कहना है कि उदयन गुहा पार्टी नहीं छोड़ें तो ही अच्छा है. उनके साथ इस मुद्दे पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की बातचीत चल रही है. पार्टी की कोशिश उन्हें मना लेने की है. फिर भी यदि वह पार्टी छोड़ना जाना चाहेंगे तो वह कुछ नहीं कर सकते. इस बीच, उदयन गुहा के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कूचबिहार जिला तृणमूल में भी खलबली मची हुई है. तृणमूल कांग्रेस के अंदर उनके विरोधी सक्रिय हो गये हैैं.

यह लोग किसी भी कीमत पर उदयन गुहा के तृणमूल में शामिल होने का विरोध करेंगे. तृणमूल कांग्रेस के अंदर कुछ नेताओं का कहना है कि उदयन गुहा पार्टी में कोई साधारण कार्यकर्ता के रूप में तो शामिल होंगे नहीं, उन्हें पार्टी कोई न कोई उच्च पद देगी. कल तक तृणमूल के जो नेता व कार्यकर्ता उदयन गुहा के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, अब उन्हें उदयन गुहा के अधीन रहकर कार्य करना होगा. सूत्रों ने बताया है कि ऐसे कई नेताओं ने पार्टी के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ घोष के साथ इस मुद्दे पर एक बैठक की है. श्री घोष ने इन नेताओं को साफ-साफ बता दिया है कि वह इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकते. उदयन गुहा को पार्टी में शामिल करने अथवा नहीं करने का निर्णय राज्य कमेटी को करना है.

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