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गोरखालैंड को लेकर हिल्स भाजपा में दो फाड़

सिलीगुड़ी. गोरखा जनमुक्ति मोरचा(गोजमुमो) द्वारा अलग गोरखालैंड राज्य के निर्माण की मांग पर पहले समतल तथा पहाड़ पर भाजपा में दो अलग अलग विचार थे.पहाड़ पर जहां भाजपा नेता अलग गोरखालैंड राज्य की मांग का समर्थन करते हैं तो वही समतल में विरोध.लेकिन इस बार अलग राज्य की मांग पर पहाड़ पर ही भाजपा नेताओं […]

सिलीगुड़ी. गोरखा जनमुक्ति मोरचा(गोजमुमो) द्वारा अलग गोरखालैंड राज्य के निर्माण की मांग पर पहले समतल तथा पहाड़ पर भाजपा में दो अलग अलग विचार थे.पहाड़ पर जहां भाजपा नेता अलग गोरखालैंड राज्य की मांग का समर्थन करते हैं तो वही समतल में विरोध.लेकिन इस बार अलग राज्य की मांग पर पहाड़ पर ही भाजपा नेताओं में दो फाड़ हो गया है. आज हिल्स भाजपा के कालिम्पोंग के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने अलग राज्य की मांग को निराधार बताते हुए कहा कि तीन सबडिवीजन को लेकर एक राज्य का निर्माण नहीं हो सकता.उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब दार्जिलिंग के भाजपा सांसद सुरेन्द्र सिंह अहलुवालिया गोजमुमो प्रमुख विमल गुरूंग को साथ लेकर सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में चुनावी जनसभाएं संबोधित कर रहें हैं.भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि पहाड़ पर अलग-अलग दलों की चार मुख्य मांगे हैं.

कोइ अलग राज्य की मांग कर रहा है तो कोइ पहाड़ को छठी अनुसूची में शामिल करना चाहता है.पहाड़ पर एक राजनीतिक पार्टी ऐसी भी हौ दार्जिलिंग का सिक्किम के साथ विलय कराना चाहती है.कुछ लोग पहाड़ के तीनों सब डिवीजनों को अलग अलग जिला बनाना चाहते है. श्री शर्मा ने कहा कि कालिम्पोंग के विधायक हर्क बहादूर छेत्री ने जिस तरह कालिम्पोंग को अगल जिला बनाने की मांग की है उसी तरह से हिल्स भाजपा की मांग है कि पहाड़ के तीन सब-डिवीजनों के साथ सिलीगुड़ी को भी जिला घोषित किया जाए.

भाजपा के विभिन्न स्तर पर विभिन्न तरह के बयान पर प्रश्न करने पर भूपेन्द्र शर्मा ने कहा कि सांसद व भाजपा के राज्य अध्यक्ष का हिल्स भाजपा के साथ किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं है जबकि भाजपा के केन्द्रीय अध्यक्ष अमित शाह का हिल्स भाजपा के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है. भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को पूरा कर पाना संभव नहीं है.इसके अलवा दार्जिलिंग को अनुसूचित इलाका भी घोषित नहीं किया गया है. इसलिए इस इलाके को छठी अनुसूची में भी शामिल नहीं किया जा सकता. श्री शर्मा के अनुसार सिक्कम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग दार्जिलिंग को सिक्किम के साथ विलय कराने पर सहमत नहीं है.

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