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गोजमुमो व सरकार के बीच बढ़ी खटास, इस्तीफा देंगे तीन विधायक

दार्जिलिंग : गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के संचालन में पश्चिम बंगाल सरकार के कथित हस्तक्षेप का विरोध करते हुए गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के तीन विधायक 23 सितंबर को इस्तीफा देंगे. मोरचा प्रमुख व जीटीए चीफ विमल गुरुंग ने शुक्रवार को मोरचा के जीटीए सभासदों, दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिम्पोंग और मिरिक नगरपालिका के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व […]

दार्जिलिंग : गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के संचालन में पश्चिम बंगाल सरकार के कथित हस्तक्षेप का विरोध करते हुए गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के तीन विधायक 23 सितंबर को इस्तीफा देंगे. मोरचा प्रमुख व जीटीए चीफ विमल गुरुंग ने शुक्रवार को मोरचा के जीटीए सभासदों, दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिम्पोंग और मिरिक नगरपालिका के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व नगर पार्षदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में बंगाल सरकार द्वारा जीटीए के संचालन में बार-बार हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया. यह भी कहा गया कि समझौते के अनुसार अभी तक विभिन्न विभाग भी जीटीए को हस्तांतरित नहीं किये गये हैं.

तय हुआ कि इसका विरोध करते हुए आगामी 23 सितंबर को दार्जिलिंग, कर्सियांग और कालिम्पोंग के तीनों मोरचा विधायक कोलकाता में विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे. यह जानकारी मोरचा के केंद्रीय महासचिव व सभासद रोशन गिरि और सहसचिव व सभासद विनय तामांग ने दी. श्री गिरि ने कहा कि बस बहुत हुआ. गोजमुमो अब अपने लक्ष्य गोरखालैंड की प्राप्ति के लिए काम करेगा.

स्कूलों में 600 खाली पद

दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रोशन गिरि ने कहा कि जीटीए समझौते में विभागों के हस्तांतरण से लेकर स्कूल सर्विस कमीशन, कॉलेज सर्विस कमीशन आदि के गठन की बात उल्लेख है, लेकिन अभी तक स्कूल सर्विस कमीशन का गठन नहीं किया गया है. इस वजह से प्रस्तावित जीटीए क्षेत्र के हाइस्कूलों और हायर सेकेंडेरी स्कूलों में 600 से अधिक खाली पद होने के बावजूद नियुक्ति नहीं हो पा रही है.

इसी तरह से जीटीए अपने अधीनस्थ कॉलेजों में प्राचार्य नियुक्त नहीं कर पा रहा है. इसके अलावा, जीटीए ने प्रस्तावित जीटीए क्षेत्र में मॉडल स्कूल बनाने का कार्य शुरू किया है. इस मॉडल स्कूल के तहत रामकृष्ण शिक्षा परिषद के नव निर्माण का काम चल रहा था, जिसमें बंगाल सरकार सुरक्षा का हवाला देकर बाधा डाल रही है. यह ठीक नहीं है.

ममता का पहाड़ दौरा 14 से

दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के दिवसीय दौरे के लिए ममता बनर्जी 14 सितंबर को सिलीगुड़ी पहुंचेंगी. मुख्यमंत्री उसी दिन कर्सियांग में दाउहिल एजुकेशन हब का शिलान्यास करेंगी. विक्टोरिया स्कूल में प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के कैम्पस का भी वह शिलान्यास करेंगी. मुख्यमंत्री अगले दिन 15 तारीख को कालिम्पोंग रवाना हो जायेंगी. वहां वह तामांग बोर्ड के साथ एक बैठक करेंगी. मुख्यमंत्री के आगमन के दिन यानी 14 तारीख को ही िवमल गुरुंग दिल्ली चले जायेंगे.

दोनों नेताओं के बीच बढ़ती दूरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री के बार-बार के दार्जिलिंग दौरे पर विमल गुरुंग ने कटाक्ष करते हुए कहा भी है कि ममता बनर्जी जब-जब पहाड़ आती हैं, यहां के लोगों को दुख देती हैं. हालांकि पिछले महीने जब ममता बनर्जी दार्जिलिंग आयी थीं, तब सरकारी कार्यक्रमों में विमल गुरुंग उनके साथ शरीक हुए थे. लेकिन तब से लेकर अबतक स्थिति काफी बदल गयी है. तृणमूल की तमाम कोशिशों के बाद भी गोजमुमो ने भाजपा का साथ नहीं छोड़ा है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के चुनाव में गोजमुमो के कई उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

भवन मामले पर ममता -गुरुंग आमने-सामने

रामकृष्ण शिक्षा परिषद उच्चतर विद्यालय के नवनिर्मित भवन मामले ने पहाड़ की राजनीति में हलचल मचा दी है. इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार तथा जीटए के बीच काफी तनातनी चल रही है. इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग भी आमने-सामने हैं.

जीटीए चीफ बिमल गुरुंग इस भवन को तोड़े जाने की स्थिति में 10 मिनट के अंदर जीटीए चीफ पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है. विमल गुरुंग का कहना है कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने सुरक्षा का बहाना बना कर रामकृष्ण शिक्षा परिषद के भवन निर्माण पर रोक लगा कर रखी है. इस सिलसिले में वह राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र भेज कर हस्तक्षेप की मांग की गयी है.

इसके बावजूद अगर राज्य सरकार ने इस भवन को तोड़ने का प्रयास किया तो वह जीटीए चीफ पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने पहाड़ दौरे पर आ रहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलकात नहीं करने का निर्णय लिया है. वह ममता के पहाड़ दौरे के दिन ही दिल्ली जा रहे हैं.

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