उसके बाद हाथी के दांत तथा गेंडे के सींग के साथ भी तस्कर पकड़े गये. इससे साफ जाहिर है कि वन्य जीवों के तस्करों ने सिलीगुड़ी का इस्तेमाल एक कोरिडोर के रूप में शुरू कर दिया है. दो दिनों पहले सिलीगुड़ी के जलपाई मोड़ से डेढ़ किलो हाथी दांत के साथ जिन चार तस्करों की गिरफ्तारी हुई है, उनसे पूछताछ के बाद कुछ इसी तरह का खुलासा हुआ है. वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाथी दांत के यह तस्कर पिछले काफी दिनों से वन्य जीवों की तस्करी में लगे हुए थे.
हाथी दांत तथा गेंडे की असली सींग के साथ-साथ यह लोग नकली हाथी के दांत बेचने का काम भी कर रहे थे. फिलहाल यह चारों 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. लेकिन पूछताछ के दौरान इन लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों को जो जानकारी दी है, उससे वन विभाग की नींद उड़ी हुई है. सूत्रों ने बताया कि हाथी दांत के तस्करी का मुख्य आरोपी सुशील कुमार राय बहुत बड़ा कलाकार है. वह प्रतिमा बनाने का काम करता है. प्रतिमा बनाने में बेहतर कलाकारी के लिए उसे राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है. इसी आड़ में वह वन्य जीवों की तस्करी के साथ-साथ नकली हाथी दांत को असली बताकर लोगों को बेवकूफ बनाने के काम में जुट गया. इसके अलावा असली हाथी दांत तथा गेंडे के सींग का कारोबार भी वह करता था. इससे पहले भी उसके घर में कई बार पुलिस की तलाशी हो चुकी है. वन विभाग सूत्रों ने आगे बताया कि सुशील कुमार राय तथा उसके साथी तस्कर डुवार्स के जंगलों से हाथी दांत तथा गेंडे के सींग आदि का जुगाड़ कर सिलीगुड़ी आ जाते थे. सिलीगुड़ी में मुख्य रूप से ग्राहक खोजने का काम यह लोग करते थे.
पूछताछ के बाद यह भी पता चला है कि इनके तार नेपाल तथा चीन से जुड़े हुए हैं. हाथी दांत तथा वन्य जीव से संबंधित अन्य वस्तुओं की तस्करी यह लोग नेपाल होकर चीन को करते थे. नेपाल में कई लोग इनके लिए काम करते हैं. तस्करी के वस्तुओं को चीन पहुंचाने के लिए नेपाल में सक्रिय इनके सदस्य सिलीगुड़ी आते थे और यही इन वस्तुओं की डिलीवरी इनको की जाती थी. यह लोग इन वस्तुओं को लेकर पानीटंकी होकर नेपाल चले जाते थे और वहां से चीन भेज देते थे. सोमवार की रात को जब इन लोगों की गिरफ्तारी हुई तब इनके साथ और भी दो सदस्य थे, जो वन कर्मियों को चकमा देकर भागने में सफल रहे. माना जा रहा है कि वह दोनों नेपाल के रहने वाले थे. यहां उल्लेखनीय है कि सोमवार को जिन चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनके पास से चार टुकड़ों में करीब डेढ़ किलो हाथी के दांत बरामद हुए हैं.
वन विभाग के सूत्रों ने आगे बताया कि सिलीगुड़ी में सक्रिय तस्कर नकली हाथी दांत के कारोबार में भी लिप्त हैं. गिरफ्तार सुशील कुमार राय एक दक्ष कलाकार है और वह नकली हाथी दांत से कलाकारी कर कुछ लोगों को असली बताकर उसे ऊंची कीमतों में बेच चुका है. पहले उसने अपने कारोबार की शुरूआत इसी नकली हाथी दांत से की और बाद में डुवार्स के जंगलों में सक्रिय कई तस्करों के साथ उसकी सांठगांठ हो गई.
सुशील कुमार राय के साथ जिन तीन अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसके नाम हरीदास राय, इद्रीस अली एवं मकलेश्वर रहमान है. पूछताछ के बाद इन लोगों ने बताया है कि इद्रीस तथा मकलेश्वर मुख्य रूप से ग्राहक खोजने का काम करता था. यह लोग कई बार नेपाल का चक्कर भी काट चुके हैं.
इस संबंध में बेलाकोवा वन रेंज के रेंजर संजय दत्त का कहना है कि इस गिरोह का मुख्य सरगना सुशील कुमार राय ही है. वह नेपाल, चीन तथा भूटान में हाथी दांत की तस्करी का काम करता है. वह कई बार जल्दापाड़ा वन क्षेत्र में जा चुका है. इस बीच, सिलीगुड़ी में वन्य जीवों के वस्तुओं से संबंधित तस्करी के बढ़ते मामले ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है. वन विभाग के पास कर्मचारियों की कमी की वजह से यह परेशानी और बढ़ गई है. डीएफओ पीआर प्रधान का कहना है कि वन कर्मचारियों की कमी की वजह से तस्करों को पकड़ने में परेशानी हो रही है. सिलीगुड़ी में वन्य जीवों से संबंधित वस्तुओं की तस्करी के बढ़ते मामले का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में दो बार हाथी दांत बरामद किये गये हैं. इसके अलावा कुछ महीने पहले ही सांप के जहर के साथ कई लोगों को पकड़ा गया था.