श्री सिग्रीवाल ने कहा कि बिहार में कोई फिर से जंगलराज की वापसी नहीं चाहता है. जब से नीतीश और लालू के बीच गंठबंधन की बात शुरू हुई है. बिहार में अराजक स्थिति पैदा हो गयी है. हर जगह लूट-खसोट मचा हुआ है. आम जन इसमें पीस रहे हैं. विकास कार्य पूर्ण रूप से बंद हो गये हैं. अगर वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ योजनाओं का उदघाटन कर रहे हैं, वे योजनाएं भाजपा और जदयू के सरकार के समय की है. कई योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने फंड उपलब्ध कराया है, लेकिन राज्य सरकार उन्हें लागू करने में विफल रही है. मुंगेर में पुल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 285 करोड़ रुपये दिये हैं, लेकिन राज्य सरकार जबरन दखल हटाने में विफल रही है.
इसी तरह से गांधी सेतु ब्रिज के आधुनिकीकरण करने के लिए तथा छह लेन के बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय परिवहन मंत्रलय ने दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया. अब राज्य सरकार ऋण लेकर पुल का आधुनिकीकरण करना चाहती है, लेकिन विश्व बैंक कर्ज देने को तैयार नहीं है. स्पेशल पैकेज के तहत दिये गये अनुदान का काम ठप है. उन्होंने कहा कि चाहे वह किसान हो या छात्र या फिर युवक सभी परेशान हैं. नष्ट हुए फसल के लिए दिया गया अनुदान किसानों के खाते में नहीं जा रहा है.
धान खरीद में भी घोटाला हुआ है. किसानों को पैसा नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश व लालू लोगों के आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में केंद्र की मजबूत सरकार की तरह ही बिहार में भी भाजपा के नेतृत्व में बहुमत से एनडीए की मजबूत सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी राज्यों में विकास की बात कही है. बिहार की तरह ही बंगाल को भी विशेष पैकेज दिये गये हैं. केंद्र सरकार चाहती है कि बंगाल भी खुशहाल हो. केंद्र सरकार ने कई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की है. केंद्र सरकार के लिए बंगाल कितना महत्वपूर्ण यह इससे ही साबित हो जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन योजनाओं के उदघाटन के लिए खुद बंगाल आये थे.