सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम में बोर्ड गठन के बाद वाम मोरचा के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी के विकास को लेकर राज्य के कई मंत्रियों से मिलने की इच्छा व्यक्त की है. हालांकि उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव के साथ उनके मिलने को लेकर अभी तक संशय कायम है. सिलीगुड़ी नगर निगम में बोर्ड गठन के बाद से ही अशोक भट्टाचार्य विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं. बीच में वह दो दिनों के लिए कोलकाता गये थे.
कल शनिवार को कोलकाता से वापस लौटने के बाद उन्होंने सिलीगुड़ी नगर निगम के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की. सिलीगुड़ी में विभिन्न नागरिक सेवाओं को प्राप्त करने के लिए आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बिल्डिंग प्लान पास कराने से लेकर ट्रेड लाइसेंस बनवाने, पानी का कनेक्शन पाने आदि के लिए आम लोगों को कई बार सिलीगुड़ी नगर निगम का चक्कर काटना पड़ता है. वाम मोरचा के काउंसिलरों ने भी मेयर अशोक भट्टाचार्य को इस बात की जानकारी दी है.
शनिवार को भी इस मुद्दे को लेकर अशोक भट्टाचार्य ने अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की. बैठक के बाद अशोक भट्टाचार्य ने बताया कि सिलीगुड़ी में पेयजल की समस्या सबसे बड़ी समस्या है. इस समस्या को खत्म करने के लिए वह राज्य के पीएचई मंत्री सुब्रत मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें एक रिपोर्ट सौंपेंगे. उन्होंने सिलीगुड़ी के विकास के लिए राज्य के कई अन्य मंत्रियों के साथ भी मिलने की इच्छा जतायी. इस बीच, नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अशोक भट्टाचार्य 27 मई को कोलकाता में पीएचई मंत्री सुब्रत मुखर्जी से मुलाकात करेंगे. वह 26 मई को कोलकाता जा रहे हैं. उन्होंने सुब्रत मुखर्जी के अतिरिक्त नगरपालिका तथा शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम सहित कई मंत्रियों से मिलने का वक्ता मांगा है. सूत्रों ने बताया कि पीएचई मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने उन्हें मिलने का समय दे दिया है. अन्य मंत्रियों से मिलने के लिए समय लेने की कोशिश जारी है. यहां उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी में इन दिनों पेयजल की समस्या ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. राज्य सरकार ने पेयजल की समस्या दूर करने के लिए गाजोलडोबा में पेयजल परियोजना लगाने की मंजूरी दी है. लेकिन अभी तक इस परियोजना का काम पूरा नहीं हो सका है. सिलीगुड़ी में अधिकांश घरों में नगरपालिका द्वारा पेयजल की आपूर्ति नहीं की जाती है. इतने बड़े शहर में अभी तक करीब 25 हजार से भी कम घरों में पानी का कनेक्शन है इसके अलावा जिन चौराहों पर नगर निगम द्वारा पेयजल के नल लगाये गये हैं, वहां भी नियमित रूप से पेयजल की आपूर्ति नहीं होती है.
इसके साथ ही ट्रेड लाइसेंस बनवाने में भी व्यवसायियों को पसीने छूट जाते हैं. उत्तर बंगाल के सात जिलों में सबसे अधिक राजस्व की वसूली सिलीगुड़ी से होती है. उसके बाद भी व्यवसायियों को ट्रेड लाइसेंस बनवाने में सिलीगुड़ी नगर निगम का कई बार चक्कर काटना पड़ता है. व्यवसायियों का कहना है कि सिर्फ ट्रेड लाइसेंस के बनवाने में ही नहीं, बल्कि ट्रेड लाइसेंस के रिन्यू कराने में भी काफी परेशानी होती है. ट्रेड लाइसेंस बनवाने के समय जितने दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं उतने ही दस्तावेज रिन्यू के समय भी जमा देना पड़ता है. पूर्ववर्ती कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के बोर्ड में मेयर गंगोत्री दत्ता को व्यवसायियों ने इस परेशानी की जानकारी दी थी. कई व्यवसायी संगठनों ने वर्तमान मेयर अशोक भट्टाचार्य को भी इस बात की जानकारी दी है. मेयर अशोक भट्टाचार्य ट्रेड लाइसेंस बनवाने तथा ट्रेड लाइसेंस के रिन्यू प्रक्रिया का सरलीकरण करना चाहते हैं.
उन्होंने इस मुद्दे को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की. दूसरी तरफ उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव के साथ मुलाकात को लेकर अशोक भट्टाचार्य फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं. हालांकि उनका कहना है कि वह सिलीगुड़ी के विकास के लिए किसी से भी बातचीत कर सकते हैं. यहां गौरतलब है कि उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव तथा अशोक भट्टाचार्य के बीच रिश्ते काफी तल्ख हैं. दोनों ही एक दूसरे से मिलना नहीं चाहते हैं.