सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम परिसर में दिन भर चले नाटकीय घटनाक्रमों एवं तमाम उत्तेजना के बीच आखिरकार सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर पद पर वाम मोरचा उम्मीदवार अशोक भट्टाचार्य ने बाजी मार ली है. अशोक भट्टाचार्य के समर्थन में 24 मत पड़े, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के नांटु पाल 16 मत पाने में कामयाब रहे.
सिलीगुड़ी नगर निगम में तृणमूल कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है. उसके बाद भी तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में 16 मत पड़े हैं. एक मत को निरस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही चेयरमैन पद पर भी वाम मोरचा उम्मीदवार 42 नंबर वार्ड के माकपा पार्षद दिलीप सिंह की जीत हुई है. दिलीप सिंह ने तृणमूल कांग्रेस के रंजन सरकार उर्फ राणा को हराया है.
इससे पहले सिलीगुड़ी नगर निगम परिसर में आज पूरे दिन भर गहमागहमी बनी रही. सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये थे. नगर निगम की ओर जाने वाले मुख्य सड़क को पुलिस ने बंद कर दिया था. उसके बाद भी बड़ी संख्या में माकपा तथा वाम मोरचा के समर्थक वहां पहुंचे हुए थे.
नव निर्वाचत पार्षदों को शपथ ग्रहण कराने के बाद मेयर तथा चेयरमैन पद का चुनाव संपन्न हुआ. अशोक भट्टाचार्य तथ दिलीप सिंह के जीत की घोषणा होते ही वाम मोरचा समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. अशोक भट्टाचार्य को शुभकामनाएं देने का दौर शुरू हो गया. मेयर तथा चेयरमैन पद के चुनाव में भाजपा के दो तथा कांग्रेस के चार पार्षदों ने हिस्सा नहीं लिया. नव निर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद ही भाजपा के दो तथा कांग्रेस के चार पार्षद नगर निगम छोड़ कर चले गये. भाजपा नेता तथा सांसद अहलुवालिया ने कहा कि उनकी पार्टी न तो तृणमूल कांग्रेस के साथ है और न ही माकपा के साथ. इसलिए उनकी दोनों महिला पार्षदों ने किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं किया और मतदान में शामिल नहीं हुई. उन्होंने कहा कि उनके दोनों पार्षद विपक्ष में बैठेंगे और सिलीगुड़ी के विकास के लिए किये जा रहे कार्यो में मेयर की मदद करेंगे. जहां जरूरी होगा, वहां उनके पार्षद विरोध भी करेंगे. कांग्रेस पार्षद तथा पूर्व एमआइसी सुजय घटक ने कहा कि उनकी पार्टी के चारों पार्षद मतदान में शामिल नहीं हो रहे हैं.