सिलीगुड़ी. हर क्षेत्र में महिलाएं आज सराहनीय भूमिका अदा कर रही हैं. यह चरचा जोरों पर है कि महिला अब पुरुष से कम नहीं है. एक पुरुष की तरह एक महिला भी हर काम करने में सक्षम है. अगर ऐसा है तो हर सामाजिक कामकाज की तरह रक्तदान करने में महिलाएं पीछे क्यों रहे. रक्त संचारन सेवा संबंधी तथ्य के आधार पर मिली जानकारी के अनुसार, महिलाएं जितनी मात्र में रक्त ग्रहण करती है, उतनी मात्र में दान नहीं करती है.
महिला रक्त ग्रहीताओं की संख्या 65 प्रतिशत है, जबकि महिला रक्तदाताओं की संख्या मात्र 14 प्रतिशत है. महिला के इस काम में पीछे रहने की वजह है डर, जानकारी की कमी. इसके अलावा कुछ असुविधाएं, जिस कारण काफी कम संख्या में महिलाएं रक्तदान करती है.
महिला रक्तदाताओं की संख्या वृद्धि करने व महिलाओं के मन से रक्तदान को लेकर मौजूद डर को दूर करने के लिए महिला समाज कर्मचारियों के लिए रक्तदान संबंधी राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सिलीगुड़ी सूर्यनगर समाज कल्याण संस्था (एसएसएसएस)की महिला शाखा की ओर से 27 व 28 जून को शहर के उत्तर बंगाल मारवारी भवन में रक्तदान संबंधी राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
यह जानकारी संगठन की ओर से आज सिलीगुड़ी जर्नालिस्ट क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी गयी. अंतरराष्ट्रीय सेविका दिवस पर आयोजित सम्मेलन को संबंधित करते हुए संगठन की सचिव राधा बनर्जी ने बताया कि सम्मेलन में रक्तदान आंदोलन को और सुंदर ढंग से राज्य स्तर पर संचालित करने, महिलाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करने, उन्हें दक्ष व समृद्ध करने, जिन बीमारियों के कारण महिलाओं को ज्यादा रक्त की आवश्यकता है, उन बीमारियों के बारे में महिलाओं को जागरूक करने, रक्तदाताओं की संख्या बढ़ाने व ग्रहिताओं की संख्या कम करने समेत विभिन्न विषयों पर आलोचना की जायेगी. सम्मेलन में पश्चिम बंगाल व पड़ोसी राज्य से करीब 50 स्वयंसेवी संगठन से 125 महिला प्रतिनिधि के अलावा रक्त रोग संबंधी कई विशेषज्ञ शिरकत करेंगे. इस अवसर पर संगठन की संयुक्त संयोजक सिंचिनी ब्रrा व विजया दास, विजया दास, आदि उपस्थित रही.