सिलीगुड़ी. 15 नंबर वार्ड के निर्दलीय पार्षद अरविंद घोष उर्फ अमू दा द्वारा बोर्ड गठन के लिए वाम मोरचा को समर्थन देने की घोषणा के बाद वाम नेता सिलीगुड़ी नगर निगम में बोर्ड गठन की तैयारी में जुट गये हैं. वाम मोरचा के मेयर पद के उम्मीदवार तथा अन्य नेता बोर्ड गठन हेतु अब सरकारी अधिसूचना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
सिलीगुड़ी नगर निगम का चुनाव पूरे राज्य के साथ पिछले महीने 25 तारीख को संपन्न हुआ था और 28 तारीख को परिणामों की घोषणा कर दी गई थी. तब से लेकर अब तक 10 दिन से भी अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन राज्य सरकार ने बोर्ड गठन हेतु अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की है. पहले वाम नेता अधिसूचना जारी नहीं होने को लेकर काफी आशंकित थे. क्योंकि मात्र 17 सीटें जीतने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस बोर्ड गठन के लिए जोड़-तोड़ की कोशिश में लगी हुई थी. वाम मोरचा को भी बोर्ड गठन के लिए एक पार्षद के समर्थन की जरूरत थी. वाम मोरचा ने 23 सीटें जीती हैं और निर्दलीय पार्षद अमू दा द्वारा समर्थन देने की घोषणा के बाद 47 सदस्यों वाली नगर निगम में वाम मोरचा ने 24 सदस्यों का बहुमत हासिल कर लिया है.
जाहिर तौर पर वाम मोरचा का बोर्ड बनना तय है. वाम नेताओं को इस बात का भी संतोष है कि बोर्ड गठन हेतु अधिसूचना सिलीगुड़ी सहित तमाम स्थानों के लिए जारी नहीं हुई है. सिर्फ कोलकाता नगर निगम का ही बोर्ड गठन हुआ है. वह भी इसलिए कि कोलकाता नगर निगम का चुनाव 18 अप्रैल को ही संपन्न हो गया था. 25 अप्रैल को राज्य में जिन निकायों के लिए चुनाव हुआ था, वहां अभी बोर्ड गठन हेतु अधिसूचना जारी नहीं की गई है. इस बीच, सिलीगुड़ी में बोर्ड गठन की प्रारंभिक कोशिश करने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने खामोशी अख्तियार कर लिया है. अब तृणमूल द्वारा बोर्ड गठन का दावा किये जाने की संभावना नहीं के बराबर है.
निर्दलीय पार्षद अमू दा ने समर्थन की लिखित चिट्ठी माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य को सौंप दी है. सरकारी अधिसूचना जारी होते ही वाम मोरचा द्वारा बोर्ड का गठन कर लिया जायेगा. इस बीच, शनिवार को निर्दलीय पार्षद अमू दा ने अशोक भट्टाचार्य ेके साथ मुलाकात की है. बोर्ड गठन करने के साथ-साथ बोर्ड को सही तरीके से चलाने को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है. अमू दा का कहना है कि सिलीगुड़ी नगर निगम में भ्रष्टाचार मुक्त बोर्ड का गठन हो और सिलीगुड़ी का चौतरफा विकास हो, यही उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने तमाम पहलुओं को लेकर अशोक भट्टाचार्य से बातचीत की है और उनको समर्थन संबंधी पत्र भी सौंप दिया है. उन्होंने आगे कहा कि वाम मोरचा ने उन्हें मेयर पार्षद बनने का अनुरोध किया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है. उन्होंने कहा कि वह पद के लोभी नहीं हैं. हालांकि वह नगर निगम के काम-काज पर नजर रखने के लिए बनने वाली कोर कमेटी में अवश्य शामिल होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मेयर पद के लिए वह स्वयं अशोक भट्टाचार्य के नाम का प्रस्ताव करेंगे. दूसरी तरफ अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होने के साथ ही वह नगर निगम का बोर्ड गठन करेंगे. अशोक भट्टाचार्य ही सिलीगुड़ी के नये मेयर होंगे. इस बीच, चेयरमैन, डिप्टी मेयर तथा मेयर पार्षद का पद पाने के लिए वाम मोरचा के पार्षदों ने अभी से ही प्रयास शुरू कर दिये हैं. किस पार्षद को कौन सा पद मिलेगा, इसको लेकर सिलीगुड़ी में चर्चाओं का बाजार गरम है.
कौन-कौन हैं पद के दावेदार
विभिन्न पदों के लिए मुंशी नुरूल इस्लाम, मुकुल सेनगुप्ता, जय चक्रवर्ती, दिलीप सिंह, स्निगधा हाजरा, रामभजन महतो आदि पार्षदों के नाम की चर्चा चल रही है. मुंशी नुरूल इस्लाम विकास घोष के निधन के बाद सिलीगुड़ी के मेयर बने थे. उन्हें चेयरमैन बनाया जा सकता है. इसके अलावा दिलीप सिंह को भी महत्वपूर्ण पद मिलने की संभावना है. तृणमूल कांग्रेस के तगड़े नेता प्रतुल चक्रवर्ती को पटकनी देने वाले शंकर घोष भी पद पाने के रेस में हैं. सिलीगुड़ी में विभिन्न स्थानों पर नगर निगम के बोर्ड गठन तथा पार्षदों को मिलने वाले पदों को लेकर चर्चा चल रही है. लेकर चर्चा चल रही है. इनमें से दिलीप सिंह का चेयरमैन बनना तय ही हो गया है.