जलपाईगुड़ी. हर रोज की तरह काम पर जा रहे चाय श्रमिकों में उस वक्त अफरा-तफरी मय गयी, जब उनलोगों ने रास्ते में एक बाइसन को देखा. बाइसन को देख कर चाय श्रमिक सुरक्षित आश्रय की तलाश में इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान एक श्रमिक घायल हो गया. हालांकि प्राथमिक इलाज के बाद उसे अस्पताल से छोड़ दिया गया है. घटना डुवार्स के करबला चाय बागान के 16 नंबर सेक्शन में घटी. श्रमिकों ने बताया कि बाइसन को देखते ही बिन्नागुड़ी वाइल्ड लाइफ को खबर दी गयी. बाद में बाइसन करबला चाय बागान छोड़ कर बिन्नागुड़ी सेना छावनी में घुस गये.
इसके बाद वाइल्उ लाइफ स्क्वाड ने सेना की मदद से बाइसन को रेती के जंगल में खदेड़ दिया , लेकिन इसके कुछ देर बार फिर से बिन्नागुड़ी के पास स्थित रियाबाड़ी चाय बागान में भी एक बाइसन देखा गया. दूसरी ओर, कठहलगुड़ी चाय बागान में भी और एक बाइसन को दौड़ते देखा गया. कुछ ही समय में लगातार तीन जगहों में बाइसन देखे जाने से वन कर्मचारियों में आतंक फैल गया.
वन कर्मचारियों ने कहा है कि जिस बाइसन को बिन्नागुड़ी सेना छावनी से रेती जंगल में खदेड़ा गया था, उसी बाइसन को फिर से रियाबाड़ी व कठहलगुड़ी चाय बागान में देखा गया था. बिन्नागुड़ी वाइल्ड लाइफ स्क्वाड के रेंजर दिलीप दास चौधरी ने बताया कि बाइसन के तांडव से कोई घायल नहीं हुआ है. तीन जगहों से बाइसन के निकलने की खबर है. सभी बाइसनों को रेती जंगल में खदेड़ दिया गया.