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उपभोक्ताओं को लगाने पड़ रहे हैं कई चक्कर
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न इलाकों में इन दिनों रसोई गैस उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर तरफ ही रसोई गैस के लिए मारामारी मची हुई है और रसोई गैस को प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं को अपने वितरकों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं. नियमानुसार कोई भी उपभोक्ता […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न इलाकों में इन दिनों रसोई गैस उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर तरफ ही रसोई गैस के लिए मारामारी मची हुई है और रसोई गैस को प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं को अपने वितरकों के कई चक्कर काटने पड़ते हैं. नियमानुसार कोई भी उपभोक्ता जब गैस की बुकिंग कराता है, तो एक-दो दिनों में गैस सिलिंडर की आपूर्ति उपभोक्ताओं के घर में करा दी जाती है. गैस सिलिंडर उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचे, इसकी जिम्मेदारी गैस सिलिंडर के वितरकों की है.
लेकिन जब से सब्सीडी और नन सब्सिडी का चक्कर सामने आया है, उपभोक्ता काफी परेशान हैं. विभिन्न उपभोक्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार, गैस की बुकिंग करा देने के बाद भी गैस सिलिंडर की आपूर्ति उनके घरों में नहीं की जाती है. गैस की बुकिंग कराने के बाद उपभोक्ताओं को अपने वितरक के यहां जाना पड़ता है और वहां से परची कटानी पड़ती है. सबसे बड़ी परेशानी यह है कि परची कटाने के बाद उपभोक्ताओं को उसी दिन गोदाम से गैस सिलिंडर लेने के लिए कहा जाता है. अगर कोई उपभोक्ता उस दिन गैस नहीं ले पाता है, तो उसकी परची रद्द कर दी जाती है और फिर से सिलिंडर की बुकिंग करानी पड़ती है.
सिलीगुड़ी के चंपासारी इलाके में रहने वाले एक उपभोक्ता रणवीर कुमार ने बताया है कि गैस सिलिंडर लेने के चक्कर में उनका पूरा दिन निकल गया. पहले तो गैस वितरक के यहां जाकर काफी देर तक लाइन में खड़े होकर परची कटानी पड़ी और उसके बाद करीब दस किलोमीटर दूर गैस वितरक कंपनी के गोदाम जाकर सिलिंडर लाना पड़ा. इसी तरह की शिकायतें कई अन्य गैस उपभोक्ताओं की है. दूसरी तरफ गैस वितरक इस पूरे मामले को लेकर सिस्टम अपग्रेडेशन का बहाना बना रहे हैं.
इस संबंध में जब एक गैस वितरक कंपनी के मालिक से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि सब्सिडी के सीधे बैंक खाते में जमा होने को लेकर कई तरह की खानापूर्ति करनी पड़ रही है. सरकार ने ज्यादा समय दिये बगैर ही इस नियम को लागू कर दिया है. कम समय के कारण गैस वितरक अपने सिस्टम को अपग्रेड नहीं कर सके जिसकी वजह से इस तरह की परेशानी आ रही है. इधर, गैस की सब्सिडी की रकम सीधे उपभोक्ताओं के खाते में जमा होने को लेकर अभी भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है. ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या काफी अधिक है जो पूरे कीमत पर गैस सिलिंडर खरीद रहे हैं.
सिलीगुड़ी में अभी वर्तमान में गैस सिलिंडर की कीमत 760 रुपये है और उपभोक्ताओं को पूरी कीमत चुकानी पड़ रही है. सब्सिडी की रकम बैंक खाते में जमा नहीं हो रहे हैं.
उपभोक्ताओं की भीड़
विभिन्न गैस वितरकों के यहां ऐसे उपभोक्ताओं की भी भीड़ लगी रहती है जिनके खाते में सब्सिडी की रकम जमा नहीं हुई है और वह इसकी जानाकरी प्राप्त करने के लिए वितरकों के कार्यालय जा रहे हैं. वहां से उन्हें संबंधित बैंकों में भेज दिया जाता है. दूसरी तरफ अभी भी बैंक खातों को आधार नंबर के साथ लिंक करने का काम जारी है. उपभोक्ताओं को केवाइसी फार्म भरने के साथ-साथ फार्म-1 तथा फार्म-2 भरने पड़ रहे हैं. जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनको फार्म 3 तथा फार्म 4 भरना पड़ता है. आरोप है कि गैस वितरकों द्वारा ऐसे फार्मो की बिक्री की जा रही है.
यह फार्म मुफ्त में दिये जाने का प्रावधान है. कई गैस वितरकों के कार्यालयों के सामने इस तरह के फार्म बिकने की दुकानें लग गयी हैं. उपभोक्ताओं को 5 से लेकर 10 रुपये में फार्म खरीदने पड़ रहे हैं. आरोप है कि गैस वितरक अपने यहां से फार्म नहीं दे रहे हैं. उन्हें पास की दुकानों में भेज दिया जाता है. यह दुकानें गैस वितरकों के सहयोग से ही चलायी जा रही है.
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