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कूचबिहार: आलू की बंपर खेती

उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद दाम गिरने की संभावना किसान हुए परेशान कूचबिहार : अनुकूल मौसम को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ इस बार आलू के अच्छे पैदावार की आशा कर रहे हैं. दिसंबर से जनवरी तक ठंड का मौसम आलू के पैदावार के लिए पर्याप्त है. इस मौसम ने आलू के उत्पादन की संभावना दोगुना […]

उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद
दाम गिरने की संभावना
किसान हुए परेशान
कूचबिहार : अनुकूल मौसम को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ इस बार आलू के अच्छे पैदावार की आशा कर रहे हैं. दिसंबर से जनवरी तक ठंड का मौसम आलू के पैदावार के लिए पर्याप्त है. इस मौसम ने आलू के उत्पादन की संभावना दोगुना बढ़ा दिया है. उत्पादन ज्यादा होने से दाम गिर जाते हैं.
इसलिए आलू किसान आशंकित हैं. फरवरी महीने में ही आलू जमीन से निकाल लिया जायेगा. कृषि विभाग के अनुसार, इस बार दिन व रात के तापमान में कुछ खास अंतर नहीं था. यह तापमान आलू की खेती के लिए अनुकूल है. उत्तर बंगाल में कूचबिहार जिले में सबसे ज्यादा आलू की खेती होती है. जिला कृषि उपाधिकारी आशीष पात्र ने बताया कि दिसंबर से ठंड का मौसम इस साल आलू के लिए अनुकूल मौसम बना दिया, जिससे अच्छे फलन की आशा है. अब मौसम खराब रहने पर भी आलू को कोई नुकसान नहीं होगा.
आलू का संरक्षण ठीक से हो, इसका सभी को ख्याल रखना होगा. उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रमुख सुबीर सरकार ने बताया कि ठंड के साथ कोहरा नहीं था. ऐसा तापमान आलू के फलन के लिए अनुकूल है. अब तापमान बढ़ने से भी कोई क्षति नहीं होगी. कुछ दिनों में ही आलू निकाल लिये जायेंगे. जिला कृषि दफ्तर के अनुसार, बीते वर्ष 27 हजार हेक्टेयर जमीन पर आलू की खेती की गयी थी.
चार लाख 70 हजार 230 मेट्रिक टन आलू का उत्पन्न हुआ था. इस बार 32 हजार हेक्टेयर जमीन पर आलू का फसल है. लगभग 60 हजार किसान आलू की खेती से जुड़े हुए हैं. आलू किसानों का कहना है कि हर साल मौसम इतना अनुकूल नहीं रहता है. इस साल पहली बार शुरू से आखिरी तक ठंड का प्रकोप बरकरार रहा. साथ में कोहरे भी नहीं थे जिस कारण उत्पादन अच्छा होने की संभावना है.
गौड़बंग विश्वविद्यालय : दो बार विज्ञप्ति जारी करने के बाद भी नहीं हुई नयी नियुक्ति
रजिस्ट्रार व परीक्षा नियंत्रक का पद खाली
मालदा : गौड़बंग विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार तथा परीक्षा नियंत्रक का पद काफी दिनों से खाली पड़ा हुआ है. इन दोनों पदों को भरने के लिए दो-दो बार नियुक्ति संबंधी विज्ञप्ति जारी करने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ. उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण किसी की भी इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है. इस बीच, कार्यकारी परीक्षा नियंत्रक सनातन दास अब ज्यादा दिनों तक इस पद पर बने रहना नहीं चाहते. उन्होंने इस्तीफा देने का मन बना लिया है. उनके नजदीकी सूत्रों ने बताया है कि परीक्षा नियंत्रक का पद काफी दिनों से खाली पड़ा हुआ है और इसको भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कभी भी गंभीरता नहीं दिखायी. यही कारण है कि दो-दो बार नियुक्ति संबंधी विज्ञप्ति जारी होने के बाद भी इस पद को नहीं भरा जा सका है. उनके ऊपर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है और वह कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं.
अगर श्री दास इस्तीफा दे देते हैं तो विश्वविद्यालय प्रशासन की परेशानी और अधिक बढ़ जायेगी. सूत्रों ने बताया है कि 30 जनवरी को गौड़बंग विश्वविद्यालय के कोलकाता कैम्प कार्यालय के लिए स्थायी रजिस्ट्रार तथा परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू संपन्न हुआ था. परीक्षा नियंत्रक पद के लिए पिछले 6 महीने में दूसरी बार उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिये गये थे. इंटरव्यू में उम्मीदवारों के चयन हेतु चयन समिति में उत्तर बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर सोमनाथ घोष, नेताजी सुभाष मुक्त विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर शुभशंकर सरकार, कलकत्ता विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ध्रुव ज्योति चटर्जी, आलिया विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर समसुर आलम तथा गौड़बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गोपाल मिश्र थे. दोनों पदों के लिए 9 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए आये थे.
इनमें पूर्व रजिस्ट्रार श्याम सुंदर बैरागी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक देवव्रत देवनाथ, वर्तमान कार्यवाही परीक्षा नियंत्रक सनातन दास, पूर्व सहायक परीक्षा नियंत्रक साधन साहा, चाचल कॉलेज के कार्यवाहक अध्यक्ष गाहुल अमीन, चाचल कॉलेज के अध्यापक पंकज कुंडू, गौड़बंग विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक रजत किशोर दे आदि का नाम उल्लेखनीय है.
सूत्रों ने बताया है कि चयन समिति को रजिस्ट्रार तथा परीक्षा नियंत्रक पद के लिए यह सभी उम्मीदवार उपयुक्त नहीं लगे. चयन समिति के सदस्यों ने बताया कि अनुभव की कमी के कारण इन लोगों में से किसी की भी नियुक्ति नहीं की गई है. परिणामस्वरूप दोनों पद अभी तक खाली पड़े हुए हैं. यहां उल्लेखनीय है कि 10 मार्च 2008 को गौड़बंग विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. तब से लेकर अब तक रजिस्ट्रार तथा परीक्षा नियंत्रक पद पर किसी की भी स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है जिसकी वजह से विश्वविद्यालय के काम-काज में परेशानी हो रही है. गौड़बंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गोपाल मिश्र ने कहा है कि चयन समिति के रिपोर्ट अत्यंत गोपनीय है और वह इस संबंध में मीडिया में कुछ भी नहीं कह सकते. 28 फरवरी को मालदा में यूनिवर्सिटी के काउंसिल की बैठक है.
इसी बैठक में चयन समिति के निर्णय पर विचार-विमर्श किया जायेगा. दूसरी तरफ यह सवाल उठ रहा है कि इतने अनुभवी लोगों को योग्य नहीं बता कर चयन समिति ने जो निर्णय लिया है, वह कहां तक सही है. अगर यह लोग योग्य उम्मीदवार नहीं थे, तो फिर इनकी आवेदनों पर विचार के लिए पहले से ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन क्यों नहीं किया. इस बीच, दो-दो बार इंटरव्यू देने के बाद भी खारिज कर दिये जाने के कारण कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक सनातन दास इस्तीफा देने की सोच रहे हैं.
उन्होंने बताया कि वह मानसिक रूप से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. वह पहले से ही परीक्षा नियंत्रक पद का काम कर रहे हैं. स्थायी नियुक्ति के लिए दो-दो बार इंटरव्यू देने के बाद भी उनका चयन नहीं हुआ है. ऐसे में उनकी योग्यता को लेकर सवाल उठ सकते हैं. इसीलिए वह इस्तीफा देने की सोच रहे हैं.
क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरू
कालियागंज. उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज सरलासुंदरी उच्च विद्यालय के मैदान में आज शुक्रवार से दो दिवसीय जिला क्रीड़ा प्रतियोगिता की शुरूआत हुई. इस अवसर पर जिलाधिकारी स्मिता पांडे उपस्थित थी. कार्यक्रम में जिला परिषद के सभाधिपति पूणोन्दु दे भी उपस्थित हुए. रायगंज तथा इस्लामपुर महकमा के विभिन्न विद्यालयों के 432 से भी अधिक प्रतियोगी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं.

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