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सादी वर्दी में होगी जवानों की तैनाती

सिलीगुड़ी: एसएसबी के सिलीगुड़ी सीमान्त मुख्यालय ने सशस्त्र सीमा बल के प्रशिक्षण केन्द्र, फालाकाटा में सीमा प्रबन्धन को बेहतर बनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है. इसका उद्घाटन आइजी कुलदीप सिंह ने किया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों को […]

सिलीगुड़ी: एसएसबी के सिलीगुड़ी सीमान्त मुख्यालय ने सशस्त्र सीमा बल के प्रशिक्षण केन्द्र, फालाकाटा में सीमा प्रबन्धन को बेहतर बनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है.

इसका उद्घाटन आइजी कुलदीप सिंह ने किया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों को सीमावर्ती क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों के साथ मधुर व्यवहार एवं प्रगाढ़ संबंध स्थापित करना है. इससे भारत-भूटान एवं भारत-नेपाल के बीच के संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी.

साथ ही साथ आम जनमानस के मन में एसएसबी के प्रति जो डर बना हुआ है, वह भी दूर हो जायेगा. कार्यशाला में उपस्थित भूटान में भारत के काउंसिल जनरल जे.के. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि मैं पिछले दो वर्षो से यहां पर कार्यरत हूं. हमने सशस्त्र सीमा बल की कार्य-शैली और बंधुत्वभाव के बारे में किसी से कोई शिकायत नहीं सुनी है. एसएसबी जवानों का व्यवहार बहुत ही मधुर एवं मित्रवत है. इसकी बजह से भी भारत-भूटान एवं भारत-नेपाल के संबंध अत्यंत घनिष्ठ हैं. इस कार्यशाला में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन विश्वदीप डे भी उपस्थित थे. इस कार्यशाला में 50 जवानों ने हिस्सा लिया. इसी क्रम में डीआईजी शकील अहमद ने रानीडांगा कैम्पस में सीमा प्रबन्धन को बेहतर बनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का भी उद्घाटन किया गया. इसमें 48 जवान हिस्सा हिस्सा ले रहे हैं.

इसका मॉडल सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक वंशीधर शर्मा द्वारा तैयार किया गया है. शर्मा चाहते हैं कि एस.एस.बी. के स्थापना के समय से उसका जनता के साथ मिलकर कार्य करने की जो एक परम्परा थी, वह बनी रहे परन्तु ऐसा पाया गया है कि बल के गृह मंत्रलय में आने के बाद उसकी इस विचारधारा एवं व्यवहार में कुछ परिवर्तन आ गया है. अत: भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवान जब सीमा पर आने-जाने वाले आम लोगों की चेकिंग या छानबीन करें, उस समय आम-जनमानस द्वारा एसएसबी जवानों के व्यवहार की कोई शिकायत नहीं हो, इस पर वे ध्यान दें.

इस अवसर पर अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि भारत-नेपाल-भूटान देशों के पुराने संबंधों को बेहतर बनाये रखने के लिए वर्दीधारी गार्ड हर समय ज्यादा प्रभावशाली सिद्ध नहीं होते हैं, क्योंकि वर्दी व्यक्ति के स्वभाव और व्यवहार को बदल देती है अत: मित्र देशों के नागरिकों के साथ रिश्तों एवं संबंधों को मजबूत एवं प्रगाढ़ बनाये रखने में ये अति सक्षम नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि इन मित्र देशों की सीमा पर तैनात जवानों को ड्यूटी के दौरान बेहतर कार्यकुशलता को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है. इसके लिए सादी वर्दी में भी जवानों की तैनाती सीमा पर की जायेगी. शुरूआती दौर में दो ग्रुपों को जिसमें एक उपनिरीक्षक/सहायक उपनिरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी, तीन कांस्टेबल तथा एक महिला कांस्टेबल को इसके लिए तैयार किया जायेगा और सशस्त्र सीमा बल की दाजिर्लिंग लिजा स्थित सीमा चौकी पानीटंकी और जलपाईगुड़ी जिले की जयगांव बाहरी सीमा चौकी पर तैनात किया जायेगा.

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