मालदा: कालियाचक के अवैध हथियार कारखाने मामले में गिरफ्तार कारीगर नजरुल इसलाम से पूछताछ का सिलसिला जारी है. जिला पुलिस व खुफिया विभाग के अफसरों के विभिन्न सवालों के जवाब दे रहा नजरुल इस्लाम ने आज एक ऐसा राज बताया, जिससे सभी हतप्रभ हो गये. नजरुल इस्लाम ने पुलिस को बताया कि वह खासचांदपुर गांव के अवैध कारखाने में फेंके गये लोहे के विभिन्न सामग्रियों से अवैध रूप से पाइप गन से लेकर आधुनिक पिस्तौल बनाने का काम करता था.
पिस्तौल बनाने के लिए साइकिल का टूटा रॉड, नलकूप के पाइप का भी इस्तेमाल करता था. वही कारतुज बनाने के लिए छतरी में लगे स्टील के रॉड भी काम में लगाया जाता था. लोहे के विभिन्न सामग्रियां विभिन्न लोहे के विभिन्न कारखाने, गैराज व कंवाड़ियों के दुकान से जुगाड़ किये जाते थे. नजरुल ने आगे बताया कि हथियार कारखाने में उसके जैसे कई कम उम्र के युवक थे, जो पाइप गन बनाने में पारदर्शी थे. गौरतलब है कि नाइन एमएम व सेवेन एमएम पिस्तौल आधुनिक आग्नेयास्त्र है.
इतनी आसानी से कैसे अपराधी इसे बना लेते हैं, यह बात पुलिस को सोचने में मजबूर कर दिया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, अवैध हथियार कारखाने से जो 20 अवैध पाइप गन बरामद किये गये, उन सभी का निर्माण नलकूप का पाइप, लोहे के रॉड व फेंके गये लोहे के सामग्रियों से बनाया गया है. इनमें आधुनिक तरह के स्प्रींग फिट किये गये है. पुलिस को कारखाने से छतरी में लगाये जाने वाले स्टील के पुराने रॉड भी मिले है. इन सामग्रियों को लेद मशीन से काट कर बंदूक की गोली यानी कारतुज तैयार किया जाता है. इसके अलावा पुलिस को पांच नाइन एमएम पिस्तौल व तीन सेवेन एमएम पिस्तौल कारखाने से मिले हैं, उसका निर्माण भी टूटे-फूटे लोहे के सामान से किया गया है.
पुलिस को कारखाने से मिले सामग्रियों में हथौड़ा, स्प्रींग, लोहे का टूकरा, लोहा काटने का मशीन, नलकूप के पाइप, स्टील के रॉड आदि शामिल है. नजरुल ने पुलिस को बताय कि एक पाइप गन बनाने में एक कारीगर को कुछ ही घंटे समय लगते है. नाइन एमएम व सेवेन एमएम पिस्तौल का प्रशिक्षण देने के लिए अलग से प्रशिश्क्षक हैं. पुलिस अधीक्षक प्रसुन बनर्जी ने बताया कि जिस घर में अवैध हथियार कारखाना चलाया जा रहा था, उसके मालिक के बारे में अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है. कारखाने में और कौन कौन काम करते थे व कितने लोग इस धंधे से जुड़े थे, पुलिस जानने की कोशिश कर रही है.