सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी के बिरला दिव्य ज्योति स्कूल के पास सीबीएसइ द्वारा सिर्फ 10वीं तक की ही मान्यता दी गयी है. उसके बाद भी गैरकानूनी तरीके से इस स्कूल में 11वीं एवं 12वीं कक्षा में नामांकन कर छात्र-छात्रओं के भ्विष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यह आरोप वकील तथा सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्य अलकेश चक्रवर्ती ने लगाया है.
श्री चक्रवर्ती आज जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा थाना अंतर्गत सुखानी बस्ती के रहनेवाले सीताराम गिरि के साथ यहां सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. सीताराम गिरि के पुत्र मनीष गिरि की सितंबर में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी थी. उसके बाद से ही श्री गिरि इस स्कूल के खिलाफ मोरचा खोले हुए हैं.
उन्होंने कहा था कि मान्यता नहीं होने के बाद भी 11वीं एवं 12वीं की कक्षा में नामांकन के खिलाफ उनके पुत्र ने आंदोलन की शुरुआत की थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन के कारण ही स्कूल प्रबंधन ने उनके पुत्र को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया. श्री चक्रवर्ती ने बताया कि स्कूल की मान्यता नहीं रहने की खबर पाकर उन्होंने आरटीआइ के जरिये इसका पता लगाने का निर्देश सीताराम गिरि को दिया.
उसके बाद श्री गिरि ने नयी दिल्ली के सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से आरटीआइ कानून के तहत बिरला स्कूल की मान्यता संबंधी जानकारी मांगी. 6.12.14 को सीबीएसई ने आरटीआइ द्वारा मांगी गयी जानकारी के आधार पर बताया है कि माटीगाड़ा के जोन एफ स्थित बिरला दिव्य ज्योति स्कूल की मान्यता सेकेंडरी स्तर तक है और यह 31 मार्च 2016 तक वैध है.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब स्कूल को सिर्फ सेकेंडरी तक ही मान्यता मिली है, तो फिर किस प्रकार से हायर सेकेंडरी में बच्चों की भर्ती की जा रही है. यह पूरी तरह से गैरकानूनी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिरला दिव्य ज्योति स्कूल फर्जी है और इसी तरह के और भी कई फर्जी स्कूल सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं एवं मंत्रियों के समर्थन से चल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि फर्जी स्कूल के विभिन्न कार्यक्रमों में उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव शामिल हो रहे हैं. इन लोगों ने इससे पहले फर्जी चिटफंड कंपनियों के विभिन्न कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया था और उसके बाद चिटफंड कंपनियों ने लोगों को किस तरह से चूना लगाया, यह किसी से छिपी नहीं है. श्री चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि बिरला स्कूल में हर वर्ष ही सैकड़ों बच्चे 11वीं तथा 12वीं कक्षा में मोटी रकम देकर नामांकन करा रहे हैं. इस प्रकार न केवल उनका पैसा डूब रहा है, बल्कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है. उन्होंने इस पूरे मामले में शीघ्र ही कलकत्ता हाइकोर्ट में मुकदमा दायर करने की बात कही है.