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सद्भावना सम्मेलन संपन्न, दूसरे दिन भी रही भक्तों की भीड़

सिलीगुड़ी: मानव उत्थान सेवा समिति, उत्तर-पूर्वाचल के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन के अंतिम दिन आज सद् गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज ने सभी को सद्भावना का संदेश दिया व अध्यात्मिक जागरण का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि केवल भौतिक शिक्षा व संपदा के मात्र से मानव को सुख और शांति नहीं मिलती […]

सिलीगुड़ी: मानव उत्थान सेवा समिति, उत्तर-पूर्वाचल के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सद्भावना सम्मेलन के अंतिम दिन आज सद् गुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज ने सभी को सद्भावना का संदेश दिया व अध्यात्मिक जागरण का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि केवल भौतिक शिक्षा व संपदा के मात्र से मानव को सुख और शांति नहीं मिलती है.

सुख और शांति अध्यात्म ज्ञान से मिलती है.अपने आत्मा का अनुभूति करना मानव का सच्च धर्म है. अपने संबोधन में श्री महाराज जी ने कहा कि सदगुरु की शरण में जाने से धर्म और अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है.

गुरु महाराज जी ने देश निर्माण में सभी का योगदान होने के उपर जोर दिया. सम्मेलन में सैंकड़ों भक्तों की भीड़ उमड़ी. महाराज ने भक्तों को बाहरी और मानसिक व वैचारिक स्वच्छता के उपर जोर देने का आह्वान किया. उन्ळोंने कहा कि मानसिक स्वच्छता के मात्र से मानव में सच्च परिवर्तन आ सकता है. उन्होंने कहा कि विभिन्न जाति, भाषा, संस्कृति, परंपरा आदि से संपन्न देख को अध्यात्म ज्ञान द्वारा ही एकसुत्र में बंधा जा सकता है. देशवासियों में अपने देश के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना की जरूरी है. देश की सुरक्षा ही देशवासियों की पहली दायित्व है. देश के निर्माण के लिए हमें कटिबद्ध होना चाहिए. भारत को विश्वगुरु के स्तर में पहुंचानो का हमारा लक्ष्य जरूरी है. यह देश रहने से ही सभी जाति के भाषा भाषी, संस्कृति, धर्म रहेगी. उन्होंने नये साल की शुभकामना देते हुए आगामी 2015 में सब सुखी हो और हमारे जीवन को स्वर्गमय बनाने की प्रयास होनी चाहिए.

तब ही यह संसार स्वर्ग होगा. सम्मेलन के दूसरे दिन भी सुबह से ही आत्मज्ञान की दीक्षा लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. करीब 500 जिज्ञासुओं ने आत्मज्ञान का दीक्षा लिया. श्री सतपाल जी महाराज और दिव्य परिवार ने अपने भक्तों को चरण दर्शन का सौभाग्य प्रदान किया. कुमार योंजन द्वारा संचालित कार्यक्रम में महात्मा लता बाई, महात्मा गिरी बाई, महात्मा कौशल बाई, डॉ जयप्रकाश अग्रवाल और दक्षिण अफ्रिका से आयी हुई महात्मा धरणी बाईजी ने अध्यात्म से ओतप्रोत सत्संग और प्रवचन सुनाया. इस दौरान विभिन्न स्थानों से आये कलाकारों ने सुंदर सुंदर नाटक और भजन का आनंद लिया. मानव सेवा दल के स्वयं सेवकों की विशिष्टता के आधार पर श्री सतपाल जी महारज ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया. सतपाल जी महाराज के साथ माता श्री अमृता जी और श्री विभुजी महाराज ने भी अध्यात्मिक प्रवचन दिया. यह जानकारी समिति के प्रचार-प्रसारसचिव माधव बुढ़ाथोकी एवं मेघनाथ छेत्री ने दिया.

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